अपने 'मराठी फैलाओ' अभियान में राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को दो बड़ी स
फलताएं मिलीं। एक तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज उनकी मांग के आगे झुक गया। दूसरे, महाराष्ट्र के सीएम अशोक चव्हाण ने भी उनकी एक बड़ी मांग का समर्थन कर दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह अपनी वेबसाइट मराठी में बनाए। इस बात के लिए बीएसई राजी हो गया है। एमएनएस ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि शुक्रवार तक मराठी में वेबसाइट बना ली जानी चाहिए। बीएसई मराठी में वेबसाइट बनाने के लिए तो राजी हो गया है, लेकिन वह शुक्रवार तक वेबसाइट तैयार कर पाएगा या नहीं, इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। बीएसई मैनेजमेंट ने एमएनएस से वादा किया है कि जल्दी ही मराठी में वेबसाइट लॉन्च की जाएगी। उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शनिवार को रेलवे से कहा कि ज्यादा से ज्यादा मराठियों की भर्ती करे। चव्हाण ने रेल मंत्री ममता बनर्जी से यह अपील की है कि और ज्यादा स्थानीय लोगों को रेलवे में नौकरियां दी जाएं। ऐसा लगता है कि मराठी राग अलापते हुए चव्हाण राज ठाकरे की राह पर चल पड़े हैं।
फलताएं मिलीं। एक तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज उनकी मांग के आगे झुक गया। दूसरे, महाराष्ट्र के सीएम अशोक चव्हाण ने भी उनकी एक बड़ी मांग का समर्थन कर दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह अपनी वेबसाइट मराठी में बनाए। इस बात के लिए बीएसई राजी हो गया है। एमएनएस ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि शुक्रवार तक मराठी में वेबसाइट बना ली जानी चाहिए। बीएसई मराठी में वेबसाइट बनाने के लिए तो राजी हो गया है, लेकिन वह शुक्रवार तक वेबसाइट तैयार कर पाएगा या नहीं, इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। बीएसई मैनेजमेंट ने एमएनएस से वादा किया है कि जल्दी ही मराठी में वेबसाइट लॉन्च की जाएगी। उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शनिवार को रेलवे से कहा कि ज्यादा से ज्यादा मराठियों की भर्ती करे। चव्हाण ने रेल मंत्री ममता बनर्जी से यह अपील की है कि और ज्यादा स्थानीय लोगों को रेलवे में नौकरियां दी जाएं। ऐसा लगता है कि मराठी राग अलापते हुए चव्हाण राज ठाकरे की राह पर चल पड़े हैं।
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