चौथी बार एनसीपी अध्यक्ष बने शरद पवार ने बता दिया कि उनका राजनीतिक वारिस उनका भतीजा अजीत पवार नहीं, बल्कि बेटी सुप्रिया सूले होंगी। पवार ने यहां राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सुप्रिया को वर्किंग कमिटी का सदस्य बनाया है। कांग्रेस की तर्ज पर एनसीपी में भी वर्किंग कमिटी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई होती है। संकेत हैं कि पवार अपने भतीजे अजीत को महाराष्ट्र तक सीमित रखना चाहते हैं। दूसरी खास बात यह कि युवा अगाथा संगमा को भी वर्किंग कमिटी में शामिल किया गया है। इसके साथ ही एनसीपी ऐसी पार्टी बन गई है, जिसमें पार्टी की सर्वोच्च इकाई में बाप बेटियों की दो जोड़ियां हैं। अगाथा के पिता पी. ए. संगमा वर्किंग कमिटी के पहले से सदस्य हैं। कांग्रेस से टूटकर एक दशक पहले अलग पार्टी बनाने वाले पवार तभी से पार्टी के अध्यक्ष बने चले आ रहे हैं। बाकी पदाधिकारियों में कोई खास फेरबदल नहीं किया गया है। पवार के साथ ही कांग्रेस से निकले पी. ए. संगमा और तारिक अनवर वापस महासचिवों की लिस्ट में हैं। डी. पी. त्रिपाठी भी महासचिव के साथ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं। विदेश जाने से पहले अमर सिंह ने उनसे डेढ़ घंटे बात की थी। लेकिन, अमर सिंह के एनसीपी में आने के बारे में त्रिपाठी ने कुछ भी कहने से यह कहकर इनकार कर दिया कि वह अब भी हमारे मित्र दल में हैं। त्रिपाठी ने कहा कि अमर सिंह का मामला समाजवादी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
Wednesday, January 13, 2010
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