हिंदी और गुजराती सहित किसी भी स्थानीय भाषा को जानने वाले लोगों को टैक्सी परमिट देने के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के आज के बयान के बाद शिवसेना और मनसे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने फैसला किया था कि मुंबई में टैक्सी का परिमट उसी को दिया जाएगा जो मराठी जानता हो और राज्य में कम से कम 15 साल से रह रहा हो। एमएनएस सुप्रीमो राज ठाकरे ने चव्हाण की टिप्पणी पर कहा कि सीएम को अपने रुख पर अटल रहना चाहिए। राज ने कहा कि टैक्सी का नया परमिट मराठी युवाओं को नहीं मिला तो मुंबई की सड़कों पर एक भी टैक्सी नहीं चलने देंगे। राज ने चव्हाण के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि कि वह कैबिनेट के सामूहिक फैसले को अकेले कैसे बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम कैबिनेट के फैसले को लागू करने में सक्षम नहीं हैं। उधर, शिवसेना ने मुख्यमंत्री के अपने बयान से पलटी खाने की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र और मुख्यमंत्री के पद का महत्व कम किया है। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि बयान पलटना मराठियों का अपमान है।
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