दीवाली की खुशहाली में हर मुंबईकर शिद्दत से शामिल हुआ। बच्चों
में जहां मिठाइयों, आतिशबाजी
को लेकर उत्सुकता दिखी, वहीं बड़े
एक-दूसरे को बधाई संदेश एवं तोहफे देने में व्यस्त रहे। युवाओं, विद्यार्थियों के साथ विदेशी
स्टूडेंट्स भी दीवाली की रौनक में शरीक हुए।
खुशियों और उमंगों से लबरेज
प्रकाश पर्व दीवाली को मनाने वाले स्टूडेंट्स उस वक्त खुशी से झूम उठे, जब मुंबई यूनिवर्सिटी के वाइस
चांसलर, प्रो-वाइस
चांसलर, डीन और कई
विभागों के हेड बुधवार देर शाम उनके साथ दीवाली का जश्न मनाने में जुटे थे। भारतीय
संस्कृति से ओत-प्रोत दीवाली के त्योहार का आयोजन मुंबई यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी
कल्याण विभाग की ओर से मरीन लाइंस स्थित स्पोट्र्स संकुल में आयोजित था। हर साल
की तरह इस बार भी वाइस चांसलर डॉ. राजन वेलुकर, प्रो-वाइस चांसलर डॉ. नरेश चंद्रा, स्टूडेंट्स वेलफेयर के डीन डॉ.
मृदुल निले, पीआरओ
लीलाधर बन्सोड, यूनिवर्सिटी
अधिकारी एवं कर्मचारी सहित सैकड़ों विदेशी स्टूडेंट्स मौजूद थे।
वीसी डॉ. वेलुकर ने विदेशी स्टूडेंट्स को भारतीय संस्कृति, तीज-त्योहार और प्रकाश पर्व की उपयोगिता, महत्ता, संस्कृति और पंरपरा के बारे में जानकारी दी। डॉ. नरेश चंद्रा ने स्टूडेंट्स को दीवाली मनाए जाने के ऐतिहासिक पहलुओं के बारे में बताया। विदेशी स्टूडेंट्स के साथ वीसी, प्रो-वीसी, डीन और एचओडी ने फुलझड़ियां जलाईं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर इंडियन कल्चर से जुड़े हुए गानों और गजलों की प्रस्तुति के साथ-साथ वेस्टर्न धुनों पर आधारित गाने गाए गए। स्टूडेंट्स ने कई वाद्य यंत्रों पर आधारित धुन भी सुनाए। देर रात तक स्टूडेंट्स ने गीत-संगीत और आतिशबाजी का आनंद लिया।
वीसी डॉ. वेलुकर ने विदेशी स्टूडेंट्स को भारतीय संस्कृति, तीज-त्योहार और प्रकाश पर्व की उपयोगिता, महत्ता, संस्कृति और पंरपरा के बारे में जानकारी दी। डॉ. नरेश चंद्रा ने स्टूडेंट्स को दीवाली मनाए जाने के ऐतिहासिक पहलुओं के बारे में बताया। विदेशी स्टूडेंट्स के साथ वीसी, प्रो-वीसी, डीन और एचओडी ने फुलझड़ियां जलाईं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर इंडियन कल्चर से जुड़े हुए गानों और गजलों की प्रस्तुति के साथ-साथ वेस्टर्न धुनों पर आधारित गाने गाए गए। स्टूडेंट्स ने कई वाद्य यंत्रों पर आधारित धुन भी सुनाए। देर रात तक स्टूडेंट्स ने गीत-संगीत और आतिशबाजी का आनंद लिया।
यूं तो अनाथों, अपंगो और अपाहिजों के साथ कुछ एक
गैर-सरकारी संगठन या स्टूडेंट्स के चुनिंदे समूह ही दीवाली मनाते हैं। मगर, इस बार महाराष्ट्र के राज्यपाल
सी़ विद्यासागर राव ने दीवाली के दिन सुबह-सुबह अस्पतालों, अनाथालयों और अन्य जगहों पर जाकर
बुजुर्गों, अंपगों, बीमारों और अनाथ बच्चों के साथ
दीवाली मनाई। राज्यपाल के साथ मनाए दीवाली जश्न के बाद मरीजों, बुजुर्गों, अपंगों और अनाथों की खुशी का
ठिकाना ही नहीं रहा। उन लोगों से बात करने पर पता चला कि उन्हें तो उम्मीद भी नहीं
थीं कि एक दिन उनसे राज्यपाल मिलने के लिए आएंगे।
कई अनाथ बच्चे तो राज्यपाल का नाम या उन्हें जानते भी नहीं थे। राजभवन से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की सुबह राज्यपाल सी़ विद्यासागर राव पत्नी विनोदा के साथ महालक्ष्मी स्थित किंग जॉर्ज पंचम मेरोरियल कैंपस गए। इस दौरान वे कैंपस में ही मौजूद आनंद निकेतन में जाकर वृद्धाश्रम में मौजूद महिलाएं, बुजुर्गों, अंपगों के साथ दीवाली मनाए। उनका हालचाल जानने के बाद वे वात्सल्य बालगृह जाकर अनाथ बच्चों से मिले और उन्हें मिठाइयां खिलाईं। राज्यपाल के साथ बीएमसी आयुक्त सीताराम कुंटे, संस्था के अधिकारी डी.एम. सुखटनकर, आर.एच. मेंडोसा और अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।
कई अनाथ बच्चे तो राज्यपाल का नाम या उन्हें जानते भी नहीं थे। राजभवन से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की सुबह राज्यपाल सी़ विद्यासागर राव पत्नी विनोदा के साथ महालक्ष्मी स्थित किंग जॉर्ज पंचम मेरोरियल कैंपस गए। इस दौरान वे कैंपस में ही मौजूद आनंद निकेतन में जाकर वृद्धाश्रम में मौजूद महिलाएं, बुजुर्गों, अंपगों के साथ दीवाली मनाए। उनका हालचाल जानने के बाद वे वात्सल्य बालगृह जाकर अनाथ बच्चों से मिले और उन्हें मिठाइयां खिलाईं। राज्यपाल के साथ बीएमसी आयुक्त सीताराम कुंटे, संस्था के अधिकारी डी.एम. सुखटनकर, आर.एच. मेंडोसा और अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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