विभागों के बंटवारे को लेकर हुई तकरार के कुछ सप्ताह
बाद आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही शिवसेना
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में अंतत: शामिल हो जाएगी। पार्टी के उच्च पदस्थ
सूत्रों के अनुसार, 'बीजेपी
के 10 नए
मंत्रियों के साथ-साथ शिवसेना से पांच कैबिनेट स्तर के मंत्री और पांच ही राज्य
मंत्री बनाए जाने की संभावना है।'
बीजेपी के साथ चर्चाओं में शामिल रहे शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'बीजपी और शिवसेना ने मिलकर तय किया है कि कैबिनेट स्तर के पांच और राज्य मंत्री स्तर के भी पांच मंत्री शिवसेना के होंगे। लेकिन अभी के लिए हम दो राज्य मंत्रियों के शपथग्रहण को रोककर रख रहे हैं। यह विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद होगा।' शिवसेना के जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है, उनमें दिवाकर राउत, दीपक सावंत, सुभाष देसाई, एकनाथ शिंदे और रामदास कदम के नाम हैं।
बीजेपी के साथ चर्चाओं में शामिल रहे शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'बीजपी और शिवसेना ने मिलकर तय किया है कि कैबिनेट स्तर के पांच और राज्य मंत्री स्तर के भी पांच मंत्री शिवसेना के होंगे। लेकिन अभी के लिए हम दो राज्य मंत्रियों के शपथग्रहण को रोककर रख रहे हैं। यह विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद होगा।' शिवसेना के जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है, उनमें दिवाकर राउत, दीपक सावंत, सुभाष देसाई, एकनाथ शिंदे और रामदास कदम के नाम हैं।
राउत को परिवहन मंत्रालय मिलने की उम्मीद है जबकि
सावंत को स्वास्थ्य का प्रभार मिल सकता है। फिलहाल उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी
बीजेपी नेता प्रकाश मेहता के पास है लेकिन इसे फेरबदल के बाद सुभाष देसाई को दिया
जाएगा। नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने वाले एकनाथ शिंदे अब एमएमआरडीसी की कमान
संभालेंगे। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के करीबी माने जाने वाले रामदास कदम को
पर्यावरण मंत्रालय मिल सकता है।
राज्यमंत्रियों के रूप में जिन्हें शामिल किया जाना है, उनमें शिवसेना के विधायक संजय राठौड़, रविंद्र वईकर, दादा भूसे विजय शिवतारे और दीपक केसरकर के नाम हैं। लंबे समय तक सहयोगी रहने के बाद इन दोनों दलों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए थे। इन दोनों दलों के अलग होने की यह घटना महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से महज तीन सप्ताह पहले यानी बीते 15 दिसंबर को हुई।
288 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनावों में एक खंडित जनादेश आया था। 122 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि शिवसेना के हिस्से में 63 सीटें आईं। 42 सीटों के साथ कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही और एनसीपी के खाते में 41 सीटें आईं।
राज्यमंत्रियों के रूप में जिन्हें शामिल किया जाना है, उनमें शिवसेना के विधायक संजय राठौड़, रविंद्र वईकर, दादा भूसे विजय शिवतारे और दीपक केसरकर के नाम हैं। लंबे समय तक सहयोगी रहने के बाद इन दोनों दलों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए थे। इन दोनों दलों के अलग होने की यह घटना महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से महज तीन सप्ताह पहले यानी बीते 15 दिसंबर को हुई।
288 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनावों में एक खंडित जनादेश आया था। 122 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि शिवसेना के हिस्से में 63 सीटें आईं। 42 सीटों के साथ कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही और एनसीपी के खाते में 41 सीटें आईं।
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