बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से
चुनाभट्टी तक फ्लाइओवर बनाने का काम आखिरकार शुरुआती दौर में पहुंच गया। केंद्रीय
पर्यावरण विभाग ने फ्लाइओवर बनाने की हरी झंडी दे दी, तो बीएमसी ने भी एनओसी देते हुए फ्लाइओवर
के काम को रफ्तार दे दी है। दोनों महत्वपूर्ण विभागों की अनुमति के बाद मुंबई
महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी।
अनुमान है कि दो से ढाई साल में फ्लाइओवर का काम पूरा हो जाएगा। इस फ्लाइओवर के बन जाने के बाद मुंबई शहर, पूरब और पश्चिम की दूरी कम हो जाएगी। खासकर नवी मुंबई, पुणे, कोकण और गोवा की ओर जाने वालों के लिए यह फ्लाइओवर बेहद उपयोगी होगा। बीकेसी से चुनाभट्टी ईस्टर्न हाइवे तक फ्लाइओवर की कुल दूरी लगभग लगभग 3 किलोमीटर है।
अनुमान है कि दो से ढाई साल में फ्लाइओवर का काम पूरा हो जाएगा। इस फ्लाइओवर के बन जाने के बाद मुंबई शहर, पूरब और पश्चिम की दूरी कम हो जाएगी। खासकर नवी मुंबई, पुणे, कोकण और गोवा की ओर जाने वालों के लिए यह फ्लाइओवर बेहद उपयोगी होगा। बीकेसी से चुनाभट्टी ईस्टर्न हाइवे तक फ्लाइओवर की कुल दूरी लगभग लगभग 3 किलोमीटर है।
इसे बनाने के लिए मीठी नदी पर खंभा डालना होगा, जिसकी अनुमति केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय
नहीं दे रहा था। पर्यावरण विभाग ने अपने आदेश में साफ किया है कि नदी के हिस्से
में सिर्फ एक ही पीलर डाल सकेंगे। पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद केबल
फ्लाइओवर बनाने का सपना एमएमआरडीए का पूरा नहीं हो सकेगा। फ्लाइओवर की खूबी यह है
कि वाहन चालकों को सायन-धारावी क्षेत्र से यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। वह सीधे हाइवे
तक आ जा सकेगा।
बनाने पर करीब 302 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गौरतलब है कि यह फ्लाइओवर ऐसे जगह पर बनाया जाएगा, जहां पर मुंबई शहर, पूर्वी और पश्चिमी एक जगह पर आकर जुड़ता है। सायन-धारावी की भीड़भाड़ और ट्रैफिक जैम से बड़ी निजात मिलेगी। इससे लोग सीधे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे से वेस्टर्न हाइवे और वेस्टर्न हाइवे से ईस्टर्न हाइवे तक लोग आ जा सकेंगे। इस फ्लाइओवर के बनाए जाने के बाद सांताक्रुज चेंबूर लिंक (एससीएलआर) मार्ग पर वाहनों की बाढ़ कम होगी।
बीकेसी-चुनाभट्टी फ्लाइओवर बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। एमएमआरडीए जल्द ही मुंबईकरों के लिए नया और नया फ्लाइओवर दे देगा। इसकी खासियत यह है कि यह फ्लाइओवर मुंबई शहर, पश्चिम और पूर्वी उपनगर वासियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होगा। चंद मिनट में ही करीब 3 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेगा।
बीकेसी-चुनाभट्टी फ्लाइओवर बनाने की मांग बहुत पहले से की जा रही है, इसका फायदा लाखों वाहन चालकों को होगा। इसके बनने के बाद मुंबई शहर, पूर्वी और पश्चिमी उपनगर की दूरियां भी कम हो जाएगी। इसके अलावा सायन धारावी के ट्रैफिक जैम जैसी बड़ी मुसीबत से लोगों को छुटकारा मिल सकेगा।
बनाने पर करीब 302 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गौरतलब है कि यह फ्लाइओवर ऐसे जगह पर बनाया जाएगा, जहां पर मुंबई शहर, पूर्वी और पश्चिमी एक जगह पर आकर जुड़ता है। सायन-धारावी की भीड़भाड़ और ट्रैफिक जैम से बड़ी निजात मिलेगी। इससे लोग सीधे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे से वेस्टर्न हाइवे और वेस्टर्न हाइवे से ईस्टर्न हाइवे तक लोग आ जा सकेंगे। इस फ्लाइओवर के बनाए जाने के बाद सांताक्रुज चेंबूर लिंक (एससीएलआर) मार्ग पर वाहनों की बाढ़ कम होगी।
बीकेसी-चुनाभट्टी फ्लाइओवर बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। एमएमआरडीए जल्द ही मुंबईकरों के लिए नया और नया फ्लाइओवर दे देगा। इसकी खासियत यह है कि यह फ्लाइओवर मुंबई शहर, पश्चिम और पूर्वी उपनगर वासियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होगा। चंद मिनट में ही करीब 3 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेगा।
बीकेसी-चुनाभट्टी फ्लाइओवर बनाने की मांग बहुत पहले से की जा रही है, इसका फायदा लाखों वाहन चालकों को होगा। इसके बनने के बाद मुंबई शहर, पूर्वी और पश्चिमी उपनगर की दूरियां भी कम हो जाएगी। इसके अलावा सायन धारावी के ट्रैफिक जैम जैसी बड़ी मुसीबत से लोगों को छुटकारा मिल सकेगा।
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