लगभग 6 दशक से
चिकित्सा जगत में अपनी सेवाएं देने वाले और गायनकलॉजी से जुड़े कई उपकरणों और
तकनीक को भारत में लाने वाले 87 वर्षीय डॉ. रुस्तम पी. सोनावाला को रविवार को एक भव्य समारोह
में धनवंतरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह अवॉर्ड महाराष्ट्र के गर्वनर, सी विद्यासागर राव और पूर्व
केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे के हाथों दिया गया। सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज, वाडिया मटरनिटी होम मुंबई और
वेलकेयर हॉस्पिटल, दुबई में
गायनकलॉजी विभाग के हेड रह चुके डॉ़ सोनावाला को सन 1973 में शुरू होने वाला, 42 वां धनवंतरी अवॉर्ड दिया गया है।
इस मौके पर धनवंतरी मेडिकल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट, डॉ़ बी के गोयल, महाराष्ट्र युनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ
साइंस (एमयूएचएस) के वाइस चांसलर डॉ़ अरुण जामकर आदि मौजूद थे।
चिकित्सा और शिक्षा में चाहिए विकास
डॉ़ सोनावाला ने इस मौके पर कहा कि 58 साल पहले जब मैंने मेडिकल की
पढ़ाई पूरी की थी, तब हमारे
पास तकनीकों को बहुत अभाव था, लेकिन आज मेडिकल क्षेत्र में कई तरह की नई तकनीक आ गई हैं। इन
तकनीकों में रोबोटिक्स का नाम सबसे ऊपर है जो आने वाले समय में मेडिकल साइंस में
क्रांति लाएगी। डॉ़ सोनावाला ने कहा कि चिकित्सा और शिक्षा, यह दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें विकास होने पर देश का
विकास संभव है।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के गवर्नर सी विद्यासागर ने डॉ सोनावाला
को बधाई देते हुए कहा कि आज ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में डॉक्टरों और अच्छी
मेडिकल सुविधाओं की बहुत कमी है। इसके लिए सरकार और मेडिकल क्षेत्र के लोगों को
मिलकर साथ आने की जरूरत है। धनवंतरी मेडिकल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट, डॉ़ बी के गोयल ने इस मौके पर कहा
कि धनवंतरी अवॉर्ड केवल अलोपैथी ही नहीं, बल्कि चिकित्सा की हर पद्धति के
डॉक्टरों को सम्मान देता है। वहीं लगभग 40 धनवंतरी अवॉर्ड फंक्शन का हिस्सा
रहे सुशील कुमार शिंदे का कहना था कि सफलता के लिए डॉ़ सोनावाला ने जो नियम बताए
हैं, उनपर चलकर
हर डॉक्टर सफल हो सकता है।
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