2012 में रायगढ़ पुलिस की जांच रुकवाने के मामले की जांच कर
रहे पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने बुधवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के जांच में
दखल की पुष्टि की है। उस अफसर की पहचान जाहिर करते हुए यह बात भी सामने आई की
एफआईआर दर्ज होती इससे पहले ही उसने अपने कनिष्ठ अफसर को रपट फाड़ने का फरमान दे
दिया था।
पेण पुलिस के तब अज्ञात लड़की के शव की रिपोर्ट नहीं दर्ज होने की वजह वह
अफसर ही था। रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सुवेज हक ने बताया कि तब के पेण उप मंडल अफसर
संजीव चह्वाण भी संदिग्धों में शुमार हैं। पेण में तब के सीनियर इंस्पेक्टर सुरेश
मिराज, सब इंस्पेक्टर संदीप ढांडे और अब मुंबई में एडीशनल पुलिस
कमिश्नर के पद पर तैनात राव साहेब शिंदे भी संदिग्धों में शामिल हैं।
रायगढ़ पुलिस की जांच इस मामले में जारी है। हालांकि अब वह वरिष्ठ अधिकारी
अपनी भूमिका से इन्कार कर रहा है। हालांकि तबके पेण पुलिस चौकी इंचार्ज सुरेश
मिराज का कहना है कि स्टेशन डायरी में इस बात का नोट भी दर्ज है कि तब सारी जांच
उसी अफसर की देखरेख में हुई थी।
सभी को इसी बात की आशंका है कि क्या तब के रायगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी
इंद्राणी मुखर्जी के संपर्क में थे। उल्लेखनीय है कि 23 मई 2012
को सुबह दस बजे रायगढ़ के जंगल में पेण पुलिस को आधा जला शव मिला था।
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