Wednesday, December 22, 2010

जब तक हम खुद अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना नहीं सीखेंगे तब तक दूसरे हमारा सम्मान नहीं करेंगे

क्रिकेट की दुनिया में रेकॉर्डों के शहंशाह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर की तुलना ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन से किये जाने से नाराज हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि जब तक हम खुद अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना नहीं सीखेंगे तब तक दूसरे हमारा सम्मान नहीं करेंगे। बिग बी ने अपने ब्लॉग में दोनों खिलाड़ियों की तुलना करने वालों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने लिखा, 'अक्सर बहस की जाती है कि सचिन महान हैं या डॉन ब्रेडमैन ? यह तय है कि सचिन महानतम हैं। यह बहस करके कि सचिन वास्तव में महान हैं या नहीं आप उनकी उपलब्धि को कम कर रहे हैं।' हिंदी फिल्मों के शहंशाह ने पूछा, 'कौन महान है या नहीं इसकी सहमति बनाने वाला मीडिया कौन होता है? हम जानते हैं कि वे (सचिन) महान हैं और यहीं पर मामला समाप्त हो जाता है। मैं सबसे अनुरोध करता हूं कि इस भारत के महान सपूत की तुलना लगातार दूसरों से करके उनके कद को कम न करें। दूसरों को उनसे तुलना करने दें।' बिग बी को पश्चिमी देशों की महानता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन साथ ही उनका यह भी मानना है कि हम महानतम हैं । कम से कम इसका सबसे अच्छा उदाहरण सचिन तेंडुलकर ने पेश किया है । उन्होंने पूछा, 'क्या यह उपलब्धि ब्रिटेन या अमेरिका से आई है? वे लोग अपने खिलाड़ी की उपलब्धि पर खुश होते हैं और उसकी प्रशंसा करते हैं । वे लोग अपने नायकों की तुलना दूसरों से नहीं करते।' अमिताभ ने हर घटना पर फिल्म स्टार्स की प्रतिक्रिया लेने के मीडिया के रवैए पर भी यह कहकर आपत्ति जताई कि हम फिल्म उद्योग से जुड़े लोग क्या इतनी कुव्वत रखते हैं कि किसी भी विषय पर राय दे सकें। अपनी उपलब्धियों की तुलना पश्चिमी देशों से किए जाने के बारे में अमिताभ ने लिखा कि माना कि वे हमेशा ज्यादा विकसित हैं, भौतिक रूप से समृद्ध हैं, तकनीकी रूप से ज्यादा कुशल हैं और सुरक्षित हैं। लेकिन इतना सब होने से ही क्या यह मान लिया जाए कि वह हमसे बेहतर हैं?' अमिताभ ने कहा, 'विदेशी आक्रमणकारियों के हमले और शासन के कारण हम विनम, और आज्ञाकारी हो गये ... किसी उपलब्धि पर इठलाना हमने सीखा ही नहीं। ... खुद को दूसरों से कमतर आंकने लगे, लेकिन इस बात में दो राय नहीं कि कुछ मामलों में हम बेहतरीन भी हैं। दूसरों की निर्भरता से बाहर निकलने के बाद के बहुत कम समय में हमने कड़ी प्रतिस्पर्धा से भरी इस दुनिया में खुद को साबित किया है।' अमिताभ ने कहा कहा ' वस्तुत : हमें अपनी व्यवस्था पर विश्वास करना सीखना होगा। अपनी उपलब्धियों पर इतराना सीखना होगा। दूसरों को बड़े कद का मानना बुरी बात नहीं है , लेकिन उसके सामने खुद का कद कम करना अच्छा नहीं कहा जा सकता। ' अमिताभ ने लोगों को सलाह दी , ' जब हम अपने हीरो की तुलना दूसरों से किये बिना उनकी तारीफ करेंगे तो अन्य लोग भी हमारी भावनाओं को सम्मान देंगे। इसलिए यह बहस बंद करो कि सचिन महान हैं या नहीं । वे हैं और इसे पूरे विश्व को सम्मान देने की आवश्यकता है । '

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