Monday, February 28, 2011

डिवेलपमेंट फंड कम करने से कॉर्पोरेटर्स बेहद खफा

डिवेलपमेंट फंड कम करने से कॉर्पोरेटर्स बेहद खफा हैं। विपक्ष जहां इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने जा रहा है, वहीं सत्तापक्ष कॉर्पोरेटर फंड को 35 लाख से बढ़ाकर 60 लाख रुपये करने को अपनी जीत बता रहा है। जबकि, समझौता करने में विपक्ष और सत्तापक्ष के कॉर्पोरेटर्स एकसाथ कमिश्नर के पास बैठे थे। वैसे, स्टैंडिंग कमिटी ने बजट में करीब 75 लाख रुपये का बदलाव किया है। साल 2011-12 का कुल बजट 21000 करोड़ रुपये का है। शनिवार को स्टैंडिंग कमिटी ने बजट मंजूर करने से पहले 75 करोड़ रुपये का बदलाव किया। करीब 58 करोड़ रुपये कॉर्पोरेटर्स फंड में डाल दिया गया, बाकी बचा 17 करोड़ रुपये गोवंडी अस्पताल को सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल बनाने के लिए दो करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है। गेटवे ऑफ इंडिया में त्रिमूर्ति शिल्प, बिड़ला क्रीड़ा केंद्र, मरिन अक्वेरियम, अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबाल मैदान बनाने, महाराष्ट्र राइफल रेंज के नवीनीकरण, मराठी भवन बनाने, पवई जलाशय में भारत माता की प्रतिमा बनाने जैसे कामों पर खर्च करने के लिए नए सिरे से बजट में प्रावधान किया है। बजट में कॉर्पोरेटर्स को जो सबसे नागवार लग रहा है, वह है फंड कम करना। अगले साल नगरसेवकों के चुनाव होने हैं और उससे पहले उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करना था, मगर इस साल फंड ही कम कर दिया गया। फंड कम करने के बाबत सभागृह नेता सुनील प्रभु ने बताया कि कॉर्पोरेटर फंड बढ़ाकर 60 लाख रुपये कर दिया गया और आने वाले साल में भी यह कायम रहेगा। दूसरी बात, वार्ड में विकास कार्यों के लिए 513 करोड़ रुपये रखे हैं, जिससे मुंबईकरों को बुनियादी सुविधाएं दे सकेंगे। कुल मिलाकर बजट में जो भी प्रावधान किया है, वह सभी के हित में हैं। विरोधी पक्ष नेता राजहंस सिंह ने फंड करने के बाबत सत्तापक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि सत्तापक्ष शिवसेना-बीपेजी का नेतृत्व कमजोर हैं, वर्ना कमिश्नर के सामने ये लोग यू नहीं गिड़गिड़ाते, बल्कि ताल ठोकर फंड बढ़वाते। आने वाले दिनों में चुनाव है नगरसेवक कैसे अपने क्षेत्र का विकास करेगा। कांग्रेस के कॉर्पोरेटर शशिकांत पाटील का कहना है कि वे पार्टी में इस मामले को रखेंगे, वर्ना उनके चुनाव क्षेत्र का विकास कार्य कैसे होंगे।

Friday, February 25, 2011

पश्चिम रेल प्रशासन ने ताबड़तोड़ डैमेज कंट्रोल का काम करना शुरू किया।

एनबीटी में गुरुवार को छपी जगजीवन राम हॉस्पिटल में करोड़ों की बरबाद हो रही मशीनों और मरीज
ों की बदहाली की खबर पर संज्ञान लेते हुए पश्चिम रेल प्रशासन ने ताबड़तोड़ डैमेज कंट्रोल का काम करना शुरू किया। बिना बिस्तरों के मरीजों को बेडों पर शिफ्ट कर दिया गया और कैथ लैब के कंस्ट्रक्शन के काम को तेजी से आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया। पश्चिम रेल के प्रवक्ता शरत चंद्रायन ने कहा कि हमारे वार्ड के रेनोवेशन का काम चालू है और अस्थाई रूप से कुछ इंतजाम किए गए हैं। जब दो महीनों के अंदर कैथ लैब का निर्माण हो जाएगा तो मरीजों को कोई दिक्कत नहीं आएगी। श्री चंद्रायन ने यह भी बताया कि बगल में ही दूसरे हास्पिटल के निर्माण का शिलान्यास रखा जा चुका है और 6 से 8 महीनों के भीतर वह भी ऑपरेशनल हो जाएगा। हालांकि इसका एक मतलब यह भी हुआ कि करोड़ों रुपये की जो मशीनें खाली पड़ी हैं, वो अभी कम से कम 8 महीने वैसी पड़ी रहेंगी। एक सवाल के जवाब में श्री चंद्रायन ने माना कि मशीनों को मंगाने में थोड़ी जल्दबाजी हो गई है, मगर ऐसा नहीं है कि मशीनें खराब हो रही हों। उन्होंने कहा कि इसमें से कई मशीनों का उपयोग हो रहा है।

Tuesday, February 22, 2011

वानखेडे स्टेडियम प्रशासन सभी खामियों को दूर करने में जुट गया

फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट द्वरा अब तक एनओ सी नही दिए जाने पर वानखेडे स्टेडियम प्रशासन सभी खामियों को दूर करने में जुट गया हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईसीसी के दखल के बाद एमसीए स्टेडियम की कमियों को यहां होने वाले मैचों से पहले पूरा कर लेना चाहती है। इस वजह से माना जा रहा है कि आनेवाले दो दिन में स्टेडियम को एनओसी मिल जाएगा। हालांकि , कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आ रही थी की स्टेडियम को ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट ( ओसी ) नही दिया गया है। इस संबंध में सोमवार को चीफ फायर ऑफिसर उदय तटकरे ने कहा कि , ' वानखेडे स्टेडियम का पुनर्निर्ण हुआ है। ओसी पूरी तरह नई बनी इमारतों को दिया जाता है। वानखेडे को पहले से ही ओसी मिला हुआ है। ' तटकरे ने कहा कि , ' फायर ब्रिगेड ने स्टेडियम में अपनी जांच के दौरान कुछ कमियां पाई थी जिस वजह से अभी तक एनओसी नही दिया गया है। ' उन्होंने बताया कि , ' स्टेडियम में टीवी चैनल के इक्वीपमेंट रखने के लिए एक बेसमेंट बना हुआ है। बेसमेंट में सिंगल लाइन स्प्रिकंल लगा हुआ है जबकि डबल लाइन स्प्रिकंल लगे होने चाहिए। इसके अलावा वेंटिलेशन की भी समस्या है। ' तटकरे ने बताया कि स्टेयरकेस और स्टैंड पर भी कुछ गड़बडि़यां है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम प्रशासन के कंपलायसं रिपोर्ट देने के बाद हम स्टेडियम की जांच करेंगे और फिर एनओसी दिया जाएगा। वानखेडे में पहला मुकाबला 13 मार्च को न्यूजीलैंड और कनाडा के बीच होना है।

Wednesday, February 16, 2011

अबतक 1 लाख 38 हजार भरे हुए फार्म जमा

रेलवे ने हाल में रिक्त पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए मनसे ने अपने चुनाव चिह्न इंजिन को सार्थक करते हुए मराठी माणुस को फॉर्म भरने में हर संभव मदद की। रेलवे के फॉर्म थोक में अपने केंद्रों पर रखकर जानकार लोगों की निगरानी में फार्म भरवाने का काम किया गया। मुंबई और मुंबई से बाहर जी - जान से इस काम में लगे मनसे कार्यकर्ताओं ने अबतक 1 लाख 38 हजार भरे हुए फार्म जमा करके बड़ा मैदान मारा है। राज्य के कोने - कोने से फार्म राजगडा में जमा किए गए और वहां से ट्रक में लादकर रेलवे आफिस भेजे जा रहे हैं। पार्टी विधायक नितिन सरदेसाई ने बताया कि माहिम स्थित मनसे मुख्यालय में अबतक एक लाख 38 हजार 117 फार्म जमा हुए हैं। अब इन फार्मों को ट्रक में लादकर रेलवे भर्ती बोर्ड के आफिस भेजा जाएगा। कुछ लोगों ने फार्म भरकर खुद ही भेजे हैं। अभी फार्म भरने की अंतिम तिथि दूर है , इसलिए और फार्म भरे जाएंगे। मनसे द्वारा चलाए गए जन जागरण अभियान के कारण इस बार करीब 5 लाख मराठी माणुस ये फार्म भरेंगे। राडा के बदले मार्गदर्शन : उन्होंने बताया कि रेलवे भर्ती के विज्ञापन मराठी अखबारों में नहीं आते इसलिए मराठी लोगों को इस बात का पता नहीं चलता था। मगर इस बार मनसे ने समय रहते राज्य के कोने - कोने में लोगों को यह सूचना दी और फॉर्म भरने भी मदद की। यह काम आंदोलन से हटकर था और बताया जा रहा है कि आगामी मनपा चुनाव में मनसे को इस मुहिम का भारी लाभ मिलेगा। दो साल पहले मनसे से अन्य राज्यों विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले उम्मीदवारों की पिटाई की थी , लेकिन इस बार मार्गदर्शन का काम करके जनता का दिल जीतने की कोशिश की है। राज्यव्यापी मुहिम : इसके लिए राज्य भर में मनसे ने मराठी युवा वर्ग को रेलवे भर्ती के फॉर्म वितरित किए गए। साथ ही उन्हें आवश्यक सारी जानकारी उपलब्ध करवाई। होर्डिंग लगाकर और सूचना बुक्स के माध्यम से मराठी युवा वर्ग का मार्गदर्शन किया। रेलवे की नौकरियों में मराठी माणुस की उपेक्षा हो रही है इस मुद्दे को राज ठाकरे में शिवसेना में रहते समय ही उठाया था। अलग पार्टी बनाने के बाद भी वे इस बात को भूले नहीं। इसके लिए पिछली बार कल्याण में मारपीट और हंगामा किया गया। इस पर जमकर पार्टी और राज की आलोचना हुई। इसलिए कानून के दायरे में रहकर मराठी लोगों का हित साधने का उपाय सोचा गया और उसे राज्य स्तर पर मुहिम चलाकर साधा गया।

Monday, February 14, 2011

सेशंस कोर्ट ने 38 साल की महिला पत्रकार के आरोप फर्जी

बोरिवली के सेशंस कोर्ट ने 38 साल की महिला पत्रकार के उस आरोप को फर्जी पाया है , जिसमें उसने बांद्रा बार एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पर धोखा देकर उसके साथ बलात्कार करने का केस दाखिल किया था। कोर्ट ने अपनी छानबीन में पाया कि 38 वर्षीय पत्रकार ने एडवोकेट रमाकांत पांडेय पर जो भी इल्जाम लगाए हैं , पूरी तरह से निराधार हैं और इससे कानून का पूरी तरह से दुरुपयोग करने की कोशिश की गई है। इससे शिकायतकर्ता महिला से खफा जज डी . एच . शर्मा ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह महिला के खिलाफ कानून के अनुसार समुचित कार्रवाई करे। उल्लेखनीय है कि अपनी शिकायत में गोरेगांव की महिला ने श्री पांडेय के ऊपर आरोप लगाया था कि साल 2006 में उन्होंने उससे शादी की थी और अब वे उसे अपनी पत्नी का दर्जा देने से मना कर रहे हैं। इसे साबित करने के लिए महिला ने दोनों की एक साथ खींची गई तस्वीर और एक पुजारी को गवाह बताया था। कोर्ट ने अपनी जांच में पाया कि जो ब्लैक एंड ह्वाइट तस्वीर पेश की गई है वह दो फोटो को मिलाकर बनाई गई है। बाद में पुजारी ने भी दोनों में से किसी की भी शादी कराने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने श्री पांडेय के उस बचाव को भी सही पाया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह महिला पत्रकार उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही है। श्री पांडेय ने इसकी शिकायत 2006 में ही पुलिस से कर दी थी। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि कानून के दुरुपयोग को कोर्ट आंख मूंदकर कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकती। इस फैसले पर खुशी जताते हुए श्री पांडे ने कहा कि उनके ऊपर पांच साल से लगा दाग धुल गया है और यह फैसला एक ऐसी मिसाल बन सकता है जिससे कोई महिला कानून का दुरुपयोग करने से डरेगी।

Tuesday, February 8, 2011

अब वाशी-भायंदर बस सेवा शुरू करने की तैयारी

मनपा परिवहन (एनएमएमटी) द्वारा कोपरखैरणे-खोपोली बस सेवा शुरू करने के बाद अब वाशी-भायंदर बस सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है। 70 नंबर की यह बस वाशी डिपो से कोपरी नाका, आर. एफ. नाईक चौक, कोपरखैरणे, तेरणा कॉलेज, घणसोली रेलवे स्टेशन, रबाले नाका, एरोली स्टेशन, मुकुंद कंपनी, वितावा, कलवा, ठाणे आरटीओ, माजिवादा, वर्सोवा, दिल्ली दरबार, ग्रीन पार्क, कस्तूरी अस्पताल, गोडदेव नाका आदि से होते हुए भाइंदर स्टेशन की पूर्व दिशा तक जाएगी और वापस उसी राह से आएगी। ढाई घंटे की एकतरफा यात्रा समय लेने वाली वाशी डिपो से पहली बस सुबह 5.25 बजे और अंतिम बस शाम 7.40 बजे तथा भायंदर से सुबह पहली बस 7.40 बजे और शाम को 9.35 बजे छूटेगी। शुरू में यह हर आधे से पौने घंटे के अंतराल पर छूटेगी।

Thursday, February 3, 2011

वीर जीजामाता टेक्नॉलजिकल इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट्स एक प्रदर्शनी

शहरों की चकाचौंध का अंदाजा वहां होने वाले डिवेलपमेंट से लगता है, लेकिन मेट्रोपॉलिटन ग्लैमर के साथ बढ़ती भीड़ से कई समस्याएं भी होती हैं। इन्हीं समस्याओं पर गौर करने और उनके उपायों के लिहाज से माटंुगा के वीर जीजामाता टेक्नॉलजिकल इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट्स एक प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं। 'टेक्नॉवांजा-2011' के रूप में आयोजित यह प्रदर्शनी 4 से 6 फरवरी तक चलेगी, जिसमें शहरों से जुड़ी समस्याओं व उनके समाधानों का चित्रण किया जाएगा। स्टूडेंट्स परोसेंगे हाई-टेक सिटी का मॉडल 'टेक्नॉवांजा-2011' के दौरान हाई-टेक आधुनिक शहरों की रेप्लिका (प्रतिमूर्ति) का प्रदर्शन किया जाएगा, जो स्टूडेंट्स की कल्पना पर आधारित होगी। इस इंस्टिट्यूट के कुछ इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स एक स्काई-क्रेपर सिटी और एक फ्लोटिंग सिटी के मॉडल को बनाने में जुटे हैं। स्क्रेपर सिटी बनाने का मकसद एक बहुत बड़े क्षेत्र पर बिल्डिंग्स की भीड़ को कम करना है और एक स्थान पर सारे शहर को लाना है। इंस्टिट्यूट के एक छात्र का कहना था कि हमारा विचार एक ऐसे स्काई-क्रेपर बनाने का है, जो आत्मनिर्भर हो और जहां लोगों की आवश्यकतानुसार सभी सुख-सुविधाएं हों। इस तरह के निर्माण से 50,000 से अधिक लोगों को निवास मिल सकता है, जो एकसाथ रह सकते हैं। इसमें कमर्शल और रेजिडेंशल बिल्डिंग्स शामिल होंगी। ईको-फ्रेंडली बिल्डिंग्स में तमाम सुविधाएं स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके शहरी मॉडल में एंटरटेनमेंट हब, हॉस्पिटल्स, शिक्षा संस्थान, सिक्युरिटी और ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं भी होंगी। उन्होंने कमरों को शत प्रतिशत फॉयर प्रूफ बनाने पर भी विचार किया है, साथ ही बिल्डिंग्स को ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए बॉयोगैस प्लांट्स, विंड टरबाइंस, रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग तथा सोलर प्लांट्स के उपयोग जैसी सुविधाओं को मुहैया कराने पर भी विचार किया है। इतना ही नहीं, बल्कि सिटी में ग्रीन हाउसेस भी देखने को मिलेंगे। इसके अलावा कुछ स्टूडेंट्स ने फ्लोटिंग सिटी का मॉडल भी तैयार किया है, जिसके तहत एक ऐसे शहर का निर्माण किया जाएगा, जो समुद्र पर तैरेगा। यह सिटी ऊर्जा पैदा करने के लिए परंपरागत स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा का इस्तेमाल भी करेगी। बेहतरीन तो है, पर महंगा है प्रॉजेक्ट फ्लोटिंग सिटी में रेजिडेंशल एरिया, मल्टिलेवल फार्मिंग एरिया, शिक्षा संस्थान, हॉटेल, पार्क, इंडस्ट्रीज, ऐलिवेटेड सड़कें भी होंगी। इस पर एक स्टूडेंट ने बताया कि इस सिटी में यातायात के लिए सोलर टैक्सी के अलावा मेट्रो ट्रेनें भी शामिल हैं। इस प्रकार की फ्लोटिंग सिटी शहर के लोगों को फेरी और नावों की मदद से दूसरे शहर तक जोड़ेंगी। जाहिर है कि इस तरह के प्रॉजेक्ट्स पर काफी लागत आएगी और जहां तक फ्लोटिंग सिटी की बात है, तो वह बहुत मंहगा पड़ेगा। यह दोनो मॉडल 'टेक्नॉवांजा-2011' में प्रदर्शित किए जाएंगे।

Tuesday, February 1, 2011

टैंकर के दो ड्राइवर सहित कुल चार गिरफ्तार

मुलुंड के करीब एरोली नाके पर टैंकर से डीजल निकल कर उसमे मिलावट करने वाले चार लोगों को नवघर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ज्ञानसिंह ठाकुर, हरिश्चंद्र यादव, कुलदीप और विजय सिंह को मुलुंड की नवघर पुलिस की हिरासत में रखा गया है। पुलिस ने डीजल भरे दो टैंकरों को भी जब्त किया है। मुंबई राशन विभाग के अधिकारियों को एरोली नाके पर टैंकर से डीजल निकाल कर उसमें मिलावट किए जाने की खबर मिली थी। मिली सूचना पर राशन विभाग के लोगों ने छापा मारा। अधिकारियों ने नवघर पुलिस की मदद से टैंकर के दो ड्राइवर सहित कुल चार लोगों को धर दबोचा। मुलुंड कोर्ट में पेश किए जाने पर न्यायालय ने चारों को 5 फरवरी तक की हिरासत में रखने का आदेश दिया है।