Monday, January 31, 2011

आईआईटी बॉम्बे के एक फैकल्टी मेंबर के ऊपर लगे सेक्स आरोपों के बाद उन्हें संस्थान से इस्तीफा दे देने के लिए कहा गया

आईआईटी बॉम्बे के एक फैकल्टी मेंबर के ऊपर लगे सेक्स आरोपों के बाद उन्हें संस्थान से इस्तीफा दे देने के लिए कहा गया है। आईआईटी के प्रवक्ता ने बताया कि संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने उनकी पेंशन और ग्रैच्युटी को भी एक तिहाई करने का ऑर्डर पास किया है। गौरतलब है कि गुप्ता एक सीनियर प्रफेसर हैं और सेंटर फॉर इन्वाइरमेंटल साइंस ऐंड इंजिनियरिंग को पिछले 5 सालों से हेड कर रहे हैं। साथ उन्हें वेस्ट मैनेंजमेंट का एक्सपर्ट भी माना जाता है। आईआईटी-बी की पब्लिक रिलेशन ऑफिसर जया जोशी ने बताया कि प्रफेसर की शिकायत जनवरी 2009 में तब आई थी, जब पीड़ीत स्टूडेंट्स ने मामले को स्टूडेंट काउंसलर के सामने उठाई थीं। प्रफेसर पर आरोप लगाने वाले छात्रों में एक प्रोजेक्ट स्टाफ और एक पीएचडी स्टूडेंट थीं। पीएचडी स्टूडेंट के मुताबिक प्रफेसर ने एक और एमटेक स्टूडेंट को भी अपना शिकार बनाया था, जिस कारण उसने संस्थान छोड़ दिया था। पीएचडी करने वाली पीड़ित छात्रा अब तक सदमे से पूरी तरह ऊबर नहीं पाई है। गौरतलब है कि प्रफेसर गुप्ता ने हाल ही इंस्टिट्यूट के दौरे पर आईं प्रेजिडेंट प्रतिभा पाटिल से अपील की कि वह निर्दोष हैं। लेकिन, संस्थान ने प्रफेसर गुप्ता को वह कॉपी दी है, जिसमें पीड़ित छात्रा से प्रफेसर गुप्ता ने भी क्रॉस पूछताछ की थी।

Monday, January 24, 2011

'क्या करूं मैं यह पद्मभूषण लेकर, अगर सरकार हम जैसे बुजुर्ग कलाकारों की देखभाल नहीं कर सकती?'

' भारी भूल की मैंने कि अपने हालात की जानकारी दुनिया को पहले नहीं दी', कहते-कहते भावुक हो उठते हैं फिल्म अभिनेता अवतार कृष्ण हंगल, जिनके अस्वस्थ होने की खबर मीडिया में आते ही फिल्मी और गैर फिल्मी हर इलाके से आर्थिक मदद उनके घर पहुंचने लगी। अमिताभ बच्चन ने 5 लाख का चेक भेजा, तो प्रियंका चोपड़ा और करन जौहर ने एक-एक लाख का। एसोसिएशन ऑफ मोशन पिक्चर ऐंड टीवी प्रोग्राम प्रड्यूसर्स के वेलफेयर ट्रस्ट ने भी एक लाख और अरबाज खान तथा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 50-50 हजार रु। का चेक भेजा। दो-तीन दिन में ही देखते-देखते लाखों की रकम जमा हो गई है और अब अस्पताल या दवाइयों का बिल अदा करने की मुसीबत उनके पुत्र विजय हंगल को कतई नहीं सताएगी। जिस कलाकार ने इप्टा के नाटकों तथा 'गर्म हवा', 'गुड्डी', 'तीसरी कसम', 'बावर्ची', 'अभिमान', 'शौकीन' और 'शोले' जैसी लगभग 200 फिल्मों के जरिए कला की सेवा की हो और जिसे महाराष्ट्र सरकार की अनुशंसा पर 'पद्मभूषण' सम्मान से अलंकृत किया गया हो, वह 93 वर्ष की ढलती उम्र में अगर सेहत के कारण बेरोजगार हो और अपने अस्तित्व के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहा हो, तो यह निश्चय ही समाज के लिए सोचने की बात है। हंगल साहब ने पिछली मुलाकात के दौरान इन पंक्तियों के लेखक से पूछा था, 'क्या करूं मैं यह पद्मभूषण लेकर, अगर सरकार हम जैसे बुजुर्ग कलाकारों की देखभाल नहीं कर सकती?' वह पहले भी कई बार यह सुझाव सरकार के सामने रख चुके हैं कि भारत में भी रूस तथा अन्य देशों की तर्ज पर बुजुर्ग और बीमार कलाकारों के लिए आवास बनाए जाएं, जहां तमाम सुख- सुविधाओं की व्यवस्था हो। क्या अब उनके सुझाव पर विचार होगा? अगर ए.के.हंगल ने मीडिया के जरिए वक्त पर फिल्म इंडस्ट्री को एसओएस नहीं भेजा होता तो आर्थिक अभाव के कारण उनकी सेहत सांताक्रुझ के उनके अंधेरे-बंद कमरे में गिरती चली जाती और जब तक दुनिया को उनके सच का पता चलता, शायद देर हो चुकी होती। वैसी ही देर, जो भगवान दादा, भारत भूषण, ई. बिलिमोरिया, सुलोचना रूबी मायर्स और मोतीलाल जैसे अपने जमाने के बड़े स्टार्स को अपनी चुप्पी के कारण झेलनी पड़ी। भगवान दादा ने 'अलबेला' सहित कई सुपर हिट फिल्में बनाईं और गीता बाली के साथ 'भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे' गाने पर जिस तरह ठुमके लगाए, उसने युवाओं का दिल जीत लिया। उनकी इसी डांसिंग स्टाइल को बाद में अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्मों में अपनाया। मगर किस्मत का खेल देखिए कि स्टारडम मिलने पर जिस भगवान दादा को भगवान ने चेंबूर में बंगला, स्टूडियो और कीमती कारें दीं, उनका सारा वैभव एक ही झटके में अचानक छीन भी लिया। आगजनी में तमाम फिल्मों के निगेटिव जल गए, फिल्में फ्लॉप हुईं और भगवान दादा को चेंबूर के बंगले से दादर की चॉल में आने की दुर्दशा देखनी पड़ी। घर चलाने के लिए फिल्मों में जूनियर आटिर्स्ट का काम करना पड़ा। यही बदहाली ई.बिलिमोरिया और सुलोचना रूबी मायर्स को भी झेलनी पड़ी। ये दोनों अपने जमाने के सुपर स्टार थे। सुलोचना रूबी मायर्स को हीरो से पांच गुना अधिक पारिश्रमिक मिलता था। काम मिलना बंद हुआ तो जूनियर आर्टिस्ट बनने को मजबूर होना पड़ा। ई.बिलिमोरिया भी कमाठीपुरा की गुमनाम खोली में गुमनाम मौत के शिकार हुए। परशुराम नामक एक स्टार को जब कंगाली ने घेरा तो उनकी फिल्मों के एक फैन ने उन्हें बांदा के ट्रैफिक सिग्नल पर उन्हें भीख मांगते देखा और अपने पसंदीदा स्टार की ऐसी हालत उसकी आंखें भर आईं। 'राम राज्य' में राम की भूमिका निभाने वाले प्रेम अदीब के लाखों भक्त थे, लेकिन जीवन के अंतिम दिन उनके बहुत बुरे बीते। सुपर स्टार रहे मोतीलाल ने 'छोटी छोटी बातें' बनाकर आत्मघाती कदम उठाया। गोविंदा के स्टार पिता अरुण कुमार ने भी निर्माता बनकर ऐसी भूल की कि पूरा परिवार खार के भव्य बंगले से सीधे फुटपाथ पर आ गया और उन्हें सुदूर विरार की एक चॉल में गुजर-बसर करने को बाध्य होना पड़ा। भारत भूषण ने 'बैजू बावरा', 'बरसात की रात' जैसी सुपर हिट फिल्में दीं, पाली हिल पर आलीशान बंगला और तमाम ऐशोआराम देखे लेकिन जब फिल्में पिटने लगीं और काम कम होने लगा तो हालत पतली होती गई और फिल्म तथा टीवी में छोटी भूमिकाएं करते हुए मालाड के छोटे से घर में उन्हें गुमनाम मौत मिली। ' कलाकारों का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है और भविष्य अनिश्चित होता है इसलिए जिसने भी आने वाले कल के लिए बचाकर रखा, उसे दुर्दिन नहीं झेलना पड़ा', फिल्म अभिनेता चंदशेखर का कहना है। साठ साल से ज्यादा की फिल्मी पारी खेल चुके चंद्रशेखर फिल्म इंडस्ट्री की वेलफेयर योजनाओं से जुड़े रहे हैं और बुरे दिन झेल रहे कलाकारों की मदद के लिए हमेशा आगे आते रहे हैं। उन्होंने बताया कि अशोक कुमार, राजेंद्र कुमार, जीतेंद्र जैसे सितारों ने कभी फिजूलखर्ची नहीं की और अपना पैसा सुरक्षित बिजनेस में लगाया।

Friday, January 14, 2011

स्टैंडर्ड चार्टर्ड मुंबई मैराथन का वक्त फिर से आ गया,

स्टैंडर्ड चार्टर्ड मुंबई मैराथन का वक्त फिर से आ गया, इस बार दुगुने उत्साह के साथ। विजेताओं के लिए 1 करोड़ 47 लाख का ईनाम रखा गया है जो पिछले बार की प्राइज मनी से तकरीबन 7 लाख रूपए अधिक होगा। आयोजकों की मानें तो इस बार पिछली बार की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाले धावक हिस्सा लेने वाले हैं, जो गुरुवार से आने शुरू हो जाएंगे। इस बार प्रतिभागियों को टाइमिंग चिप्स और टाइम सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। प्रतिभागियों को विशेष एनर्जी ड्रिंक के साथ डिहाइड्रेशन से बचने के लिए भी लिक्विड दिए जाएंगे। आयोजक समिति के जॉइंट एमडी विवेक सिंह ने बताया इस बार के मैराथन में दो मिस्ट जोन होंगे जहां धावकों को बारी-बारी से अपने शरीर का तापमान मेंटेन करने का मौका मिलेगा। विवेक की मानें तो सुबह दस बजे के आस-पास मौसम गरम होने लगता है जिसकी वजह से धावकों को काफी दिक्कत होती है। हालांकि सभी अंतरराष्ट्रीय मैराथनों में यह एक कॉमन फीचर होता है, लेकिन मुंबई मैराथन में यह पहली बार है। दो मेडिकल कैंपों के साथ एशियन हार्ट अस्पताल के डा आशीष कांट्रैक्टर पूरे वक्त धावकों पर नजर बनाए रखेंगे। डा कांट्रैक्टर के मुताबिक कैंपों में 60 बेड, दस मेडिकल स्टेशन और 350 से अधिक असिस्टेंट होंगे। यह सभी मेडिकल स्टेशन मरीन ड्राइव, चौपाटी, पेडर रोड, वर्ली, सिद्धिविनायक मंदिर, माहिम चर्च, बांद्रा, नेहरू प्लैटनेरियम और प्रिंसेस स्ट्रीट पर होंगे। इसके अलावा ही एंबुलेंसों की भी व्यवस्था कैम्पों में होगी। श्रीमद राजचंद्र के 1000 से अधिक जैन अनुयायी भी इस मैराथन में हिस्सा लेंगे। हालांकि इनके दौड़ का मकसद लव एंड केयर जिसके तहत आरोग्य सेवा, शैक्षणिक सेवा, बाल सेवा, महिला सेवा, आदिवासी सेवा, समाज सेवा, मानवीय सेवा, संकट सहायता सेवा, प्राणी सेवा और पर्यावरण सुरक्षा सेवा का महत्व बताया जाएगा। इसके अलावा इस मैराथन में 92 वर्षीय जयवंती कदम और व्हील चेयर कटैगरी में सबसे बुजुर्ग कंटेंडर रमनलाल महिमूत्र (86) भी हिस्सा लेंगे।

Monday, January 10, 2011

80 रुपये किलो तक बिकने वाला प्याज आज 10 से 25 रुपये किलो

मुंबई में कल तक 80 रुपये किलो तक बिकने वाला प्याज आज 10 से 25 रुपये किलो बिक रहा है। वजह है ट्रेडर्स की हड़ताल। आप सोच रहे होंगे कि भई हड़ताल से प्याज सस्ता कैसे ? दरअसल मुंबई के वाशी में ट्रेडरों की हड़ताल के कारण किसान प्याज लेकर सीधे मंडी पहुंचने लगे हैं। इससे प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है। रविवार तक जो प्याज 80 रुपये किलो तक बेचा जा रहा था, सोमवार सुबह उसके दाम गिरकर 10 से 25 रुपये तक आ गए। गौरतलब है कि किसान अपना प्याज ट्रेडर्स को बहुत सस्ते दाम में बेचते हैं। ट्रेडरों के भारी मुनाफा वसूली के चलते आम आदमी तक पहुंचते-पहुंचते प्याज के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं। हड़ताल के कारण कुछ समय के लिए ट्रेडर्स बीच से हटे और किसान सीधे मंडी पहुंचे, तो प्याज की कीमतों में रातोंरात यह गिरावट आ गई।

Wednesday, January 5, 2011

फाइल से पूरी नोटिंग गायब

आदर्श घोटाला महज दो-तीन महीने पहले सुखिर्यों में आया, लेकिन इस घोटाले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण फाइल से पूरी नोटिंग गायब होने की कहानी सात साल पहले से जुड़ी हुई है। मुंबई क्राइम ब्रांच की अब तक की छानबीन में यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। जिस फाइल से पूरी नोटिंग गायब है, वह फाइल शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी हुई है। इसी फाइल से पूरी नोटिंग के अलावा भी चार पेज गायब हैं। इस संबंध में क्राइम ब्रांच की यूनिट-वन की टीम अब तक करीब 30 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस पूरे मामले में शक के घेरे में आए लोग सरकारी कर्मचारी हैं। हम उनसे आम अपराधियों जैसी पूछताछ नहीं कर सकते। इस केस को डिटेक्ट करने में इसलिए भी मुश्किल हो रही है। यहां सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जो घोटाला सन् 2010 में सुखिर्यों में आया, उसका अंदेशा सात साल पहले किसी को कैसे हो गया था? क्राइम ब्रांच को यह भी शक है कि भले ही फाइल से पूरी नोटिंग सन् 2003 में गायब की गई हो, पर पूरी फाइल को सन् 2006 में गायब किया गया। संयोेग से उसी साल अंग्रेजी के एक अखबार में इस केस में अनियमितता से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर छापी थी। इस पूरे मामले का एक और भी दिलचस्प पहलू है। क्राइम ब्रांच की छानबीन में पता चला है कि आरटीआई कार्यकर्ता कैप्टन बत्रा ने जून सन् 2010 में जब जानकारी मांगी थी, तो उन्हें शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी इस फाइल के बारे में बताया गया था कि यह फिलहाल नहीं मिल रही है, लेकिन अक्टूबर- नवंबर, 2010 में जब आदर्श घोटाला सुर्खियों में आया, तो यह फाइल अचानक सामने आ गई-पूरी नोटिंग और चार पेज गायब होने के साथ। यह कैसे हुआ, इस रहस्य से अभी भी पर्दा नहीं उठा है। फाइल से पूरी नोटिंग और 4 पेज गायब होने का यह मामला पिछले महीने जब मुंबई क्राइम ब्रांच के पास आया था, तो शुरूआत में क्राइम ब्रांच अधिकारियों को लगा था कि यदि फाइल से पूरी नोटिंग हाल के दिनों में गायब हुई होगी, तो पूरा केस सीसीटीवी फुटेज से सुलझ जाएगा। इसका कारण यह था कि मंत्रालय में काफी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन विडंबना देखिए कि जिस जगह पर यह फाइल आखिरी बार रखी गई थी, उस जगह पर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है।

Monday, January 3, 2011

आदर्श सोसायटी

आदर्श सोसायटी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया है कि कई सैन्य अधिकारियों और नौकरशाहों के खिलाफ जालसाजी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के साक्ष्य मिले हैं। सीबीआई इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है। जब्त दस्तावेजों में मिले ठोस सबूत सीबीआई के उच्चस्तरीय विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी की ओर से कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनसे इस बात के संकेत मिलते हैं कि इस आपराधिक साजिश में कुछ रक्षा अधिकारी भी महाराष्ट्र सरकार के नौकरशाहों और अन्य लोगों के साथ शामिल थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। अब हमारे पास ठोस साक्ष्य हैं। अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के कानूनी विभाग से मंजूरी मिल जाने के बाद भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाएगा। खुलासे के बाद फ्लैट वापस करने की बात इस घोटाले में रक्षा अधिकारियों के नाम आने के बाद रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया था। आदर्श सोसायटी की इमारत में सेना के पूर्व प्रमुख जनरल दीपक कपूर, जनरल एन सी विज एवं पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल माधवेंद्र सिंह समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के फ्लैट थे। ये तीनों पूर्व प्रमुख पहले ही यह चुके हैं कि वे अपने फ्लैट वापस कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने बीते साल 15 नवंबर को शुरूआती जांच आरंभ की थी। यह इमारत सेना की जमीन पर नियमों का कथित तौर पर उल्लंघन करके बनाई गई है। छह मंजिला की जगह 31 मंजिला इमारत बनी कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों के लिए बनने वाली इस इमारत को पहले छह मंजिला बनना था, लेकिन बाद में इसे 31 मंजिला कर दिया गया था। सीबीआई के अधिकारी ने कहा कि हम इसे एक ठोस मामला बना रहे हैं। इसमें कोई खामी नहीं होगी। बीते 11 दिसंबर को सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी कराने का आदेश दिया गया था और सीबीआई की जांच इससे अलग है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि कोई भी जिम्मेदार पाया गया तो उसे कानूनी कटघरे में खड़ा किया जाएगा।

नववर्ष आपको मंगलमय हो,

नववर्ष आपको मंगलमय हो, जीवन पथ पर ज्योतिर्मय जय हो
सत्य न्याय और प्रेम पताका, सुगंध सुवासित नूतन किसलय हो
रहे कोई न शत्रु जग में, हे प्रभुराम प्रेममय जग हो
विपुल कीर्ती भारत की होवे, उच्च तिरंगा प्रखर अमर हो
कर जोर पुन: विनती करता, नववर्ष आपको मंगलमय हो