Saturday, October 30, 2010

480 करोड़ रुपये का चुना लगाया।

सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने सोने की जूलरी निर्यात करने वाले ग्यारह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन सभी ने अपनी कंपनियों को मिलाकर सरकार द्वारा नियंत्रित मिनरल स्क्रेप ट्रेडिंग कापोर्रेशन (एमएसटीसी) को 480 करोड़ रुपये का चुना लगाया। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें से सबसे मुख्य नाम जयेश देसाई का है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि जयेश देसाई और उसके साथियों ने पहले भी स्क्रेप ट्रेडिंग कापोर्रेशन को 350 करोड़ का चूना लगाया है। सीबीआई इस पहलू पर भी जांच कर रही है। दरअसल दुबई में सोना निर्यात करने के लिए इन लोगों ने अपनी 6 कंपनियों का नाम और इन्वोइस एमएसटीसी को सौपा, साथ ही दुबई में जिस पार्टी को सोना निर्यात किया जाना है उसका एश्योरेंस लेटर भी एमएसटीसी को दे दिया। 600 करोड़ रुपये के सोने का निर्यात करने के एवज में एमएसटीसी की तरफ से 480 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी भी मिल गई जो की कुल रकम का 80 प्रतिशत होती है। दूसरी तरफ दुबई में सोना एक्सपोर्ट भी कर दिया गया। दुबई में उस सोने को ओपन माकेर्ट में बेचकर ये लोग हवाला के जरिए 600 करोड़ भारत ले आए। उसके अलावा एमएसटीसी से ली गई 480 करोड़ की लिक्विडिटी की रकम को महाराष्ट्र के पेण के आस-पास जमीन खरीदने में निवेश कर दिया। लिक्विडिटी की रकम को 170 दिनों में लौटना होता है मगर 170 दिनों से भी ज्यादा दिन हो गए अभी तक कोई भी रकम एमएसटीसी को नहीं लौटाई और ना ही एमएसटीसी की तरफ से कोई कार्रवाई की गई। सीबीआई जांच में पता चला की एक्सपोर्ट और इंपोर्ट करने वाली दोनों पार्टियां एक ही हैं। संदेह का दायरा और बढ़ गया जब एमएसटीसी की तरफ से लेटर ऑफ क्रेडिट भी नहीं मांगा गया। इस मामले में अभी और खुलासे होने बाकी है। फिलहाल सीबीआई भुज, अहमदाबाद, रायगढ़ और कोलकाता में इन लोगों के ठिकानों पर छानबीन कर रही है।

Thursday, October 21, 2010

कोई भी शिवसेना की दहाड़ को नहीं रोक सकता।

मुंबई में दादर स्थित शिवाजी पार्क में दशहरा की रैली में शोर-शराबे के कारण पुलिस द्वारा शिव सैनिकों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण के मानदंडों के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किए जाने पर प्रतिक्रिया जताते हुए शिवसेना ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ क्यों नहीं की जाती ? शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है भिंडी बाजार और बेहरामपदा इलाके में स्थित मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकरों से निकलने वाली अजान की ध्वनि के कारण बच्चों की पढ़ाई और नींद में खलल पड़ता है। इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने शिवसेना को इस शर्त के साथ शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति दी थी कि वहां उनकी वजह से आवाज़ की तीव्रता 50 डेसीबल को पार नहीं करने पाये। गौरतलब है कि यह इलाका अब ध्वनि निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। दादर पुलिस ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के उल्लंघन के आरोप में अभियुक्त बनाया है। इस पर सामना के संपादकीय में कहा गया है, 'हम भी कानून को जानते हैं और किसी को भी हमें कानून बताने की जरूरत नहीं है। कानून को हमारी भावना का सम्मान करना चाहिए तभी हम कानून का सम्मान करेंगे।' शिवसेना ने न केवल निर्धारित 50 डेसीबल की सीमा का उल्लंघन किया बल्कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने खुले तौर पर कोर्ट के आदेश की यह कहकर आलोचना की कोई भी शिवसेना की दहाड़ को नहीं रोक सकता।

Friday, October 15, 2010

हीरा चोरी मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच शनिवार को आरोपपत्र दाखिल

22 अगस्त को गोरेगांव में नैशनल एग्जीबिशन सेंटर पर हुई 6 करोड़ 60 लाख रुपए की हीरा चोरी मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच शनिवार को आरोपपत्र दाखिल करेगी। मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ हिमांशु राय ने शुक्रवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। श्री राय ने यह भी बताया कि उनके पास उस लेडी जैकेट की भी डीएनए रिपोर्ट आ गई है, जो एक बॉक्स में रखकर डीएचएल कूरियर से 22 अगस्त को ही रोम भेजा जा रहा था। इस बॉक्स में कई कपड़े रखे हुए थे, उनमें एक लेडी जैकेट भी था। डीएनए रिपोर्ट में साबित हो गया है कि यह जैकेट गिरफ्तार आरोपियों में एकलौती महिला गुरेरो ग्रिसेल का था। ग्रिसेल के इस जैकेट की जेब में 1641 हीरे रखे गए थे। ये सारे हीरे रोम भेजे जा रहे थे। गोरेगांव हीरा चोरी कांड में चार लोगों को दुबई में पकड़ा गया था। सारे आरोपी जेल में बंद हैं। उनकी जमानत की याचिका खारिज हो चुकी है। इस मामले में कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं। इनमें से एक पकड़े गए चार आरोपियों के साथ गोरेगांव के नैशनल एग्जीबिशन सेंटर में भी था। वह इन चार आरोपियों के साथ मुंबई से दुबई साथ-साथ भी गया था, पर बाद में इन चारों साथियों और दुबई पुलिस को चकमा देकर दुबई से दक्षिण अफ्रीका भाग गया था। इन सभी पांच आरोपियों का सरगना रोम में बताया जाता है।

मुंबई मराठी लोगों की

शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी ने फिर यह दोहराया है कि मुंबई मराठी लोगों की है और अन्य राज्यों से आने वालों पर रोक लगनी चाहिए। जोशी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि यह जगजाहिर है कि मुंबई मराठी लोगों की है, इस संबंध में बहस जरूरी नहीं है। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष जोशी ने एक कार्यक्रम में कहा कि करीब 300 परिवार रोजाना मुंबई आते हैं। शहर में लोगों को समायोजित करने की सीमा होती है। लोगों की इस बाढ़ से नगर के आधारभूत ढांचे पर असर हुआ है।

Monday, October 11, 2010

पति महाराष्ट्र का है और पत्नी झारखंड की।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने जबरन दूर किए गए पति-पत्नी को मिलाया और फैसला सुनाया की कानून की दृष्टि से दोनों पति-पत्नी हैं। इस मामले में पति महाराष्ट्र का है और पत्नी झारखंड की। लड़की वालों का विरोध होने के बाद भी गत माह दोनों ने विवाह कर लिया था। इसके बाद 22 साल की लड़की को उसके पिता और भाई वापस होम टाउन बोकारो ले गए। जब पत्नी नहीं लौटी तो 24 साल के पति को गड़बड़ की आशंका हुई। इसके बाद नवी मुंबई निवासी पति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने झारखंड पुलिस को लड़की को अदालत में पेश करने के लिए कहा। कोर्ट के कहने पर बुधवार को लड़की को अदालत में पेश किया गया। लड़की का इंटरव्यू लेने के बाद जस्टिस बी.एच. मार्लपाल्ले और अनूप मोहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और पाया कि लड़की विवाहित है। उसने अपनी मर्जी से शादी की थी और अब अपने पति के साथ रहना चाहती है। यह भी पता चला कि एमबीए करते समय दोनों की मुलाकात हुई थी और फिर यह मामला प्रेम से होते हुए विवाह तक जा पहुंचा।

Saturday, October 2, 2010

नरीमन पॉइंट से कफ परेड तक 1.2 किलो मीटर लंबी नई सड़क का निर्माण

मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) नरीमन पॉइंट से कफ परेड तक 1.2 किलो मीटर लंबी नई सड़क का निर्माण करेगा। इस सड़क के बनने के बाद एनसीपीए सड़क का 'डैड एंड' नहीं रह जाएगा। 50 करोड़ रुपये की लागत से यह सड़क समुद्र के किनारे मरीन ड्राइव से कफ परेड तक बनाई जाएगी। समूचे नरीमन पॉइंट को नए सिरे से बनाने की बात चलने के कारण एमएमआरडीए ने इस सड़क का निर्माण कार्य रोक रखा था। जबकि इस योजना को 2008 के शुरू में हरी झंडी मिल गई थी। नरीमन पॉइंट इलाके की पुनर्निर्माण योजना खटाई में पड़ने के बाद अब फिर से इस सड़क निर्माण के काम को हाथ में लिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि एनसीपीए के पास से शुरू होकर यह सड़क नरिमन पॉइंट इलाके की इमारतों को छूती हुई फ्री प्रेस जर्नल बिल्डिंग से होकर, एमएलए होस्टल और नरीमन पॉइंट फायर स्टेशन जगन्नाथ भोसले मार्ग) से होकर नाथालाल पारेख मार्ग (कफ परेड) में समाप्त होगी। एमएमआरडीए के संयुक्त प्रोजेक्ट निदेशक दिलीप कवठकर ने बताया कि हमने सड़क की यह योजना मंजूरी के लिए वन और पर्यावरण विभाग को भेज दी है। इस सड़क के निर्माण से मादाम कामा रोड पर यातायात सुगम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल नरीमन पॉइंट से नाथालाल पारेख मार्ग जाने के लिए मादाम कामा रोड ही एकमात्र मार्ग है। यह 12.5 मीटर चौड़ा मार्ग है। अरब सागर के किनारे चलने वाले मार्ग पर 2.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ है- वॉक वे है जो मरीन ड्राइव तक जाता है। इस योजना की सबसे बड़ी बाधा है कि इसके लिए रिक्लेमेशन के भूखंड की भी जरूरत होगी। इस काम के लिए जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। कवठकर ने बताया कि सभी तरह की मंजूरी मिलने पर मात्र 18 माह में इस सड़क निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। कुछ लोगों का कहना है कि इस काम के लिए एमएलए हॉस्टल की मदद भी लेनी पड़ेगी। साथ ही इस हॉस्टल के पीछे बसे झोपड़ावासियों का पुनर्वास करके शानदार सड़क बनाकर यातायात को सुगम बनाया जा सकता है।