Wednesday, March 13, 2013

8 सीनियर अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज



एन . एम . जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में पुलिस इंसपेक्टरअशोक विष्णु वाघमारे की शिकायत पर ऐंटि करप्शन ब्यूरो (एसीबी ) के 8 सीनियर अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्जकी गई है। यह शिकायत बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर दर्ज कीगई है। उनकी इस शिकायत के बाद 26/11 हमले और 1993में हुए सीरियल ब्लास्ट के कई राज खुलने की उम्मीद है। 

यह
 एफआईआर एसीबी , वर्ली के पूर्व अतिरिक्त पुलिस आयुक्तटिकाराम भाल , पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर संजय जोशी , पूर्वपुलिस अपर आयुक्त परांडे , पूर्व एसीपी गोरे और चार अन्य के विरुद्ध दायर हुई है। यह मामला 2004 का है।तब वाघमारे वसई पुलिस स्टेशन में थे। नेवी , कस्टम और पुलिस अधिकारियों की एक पेट्रोलिंग यूनिट के साथवाघमारे ने पाया कि मछली पकड़ने वाली एक प्राइवेट बोट में एक मछुआरा इन सभी के वायरलैस सुन रहा था।वाघमारे ने यह बोट पकड़ ली और जब वायरलैस की जांच हुई , तो पता चला कि उस पर काफी संवेदनशीलसूचनाओं का आदान - प्रदान हो रहा था। 
वरिष्ठ
 सरकारी अधिकारियों के निर्देश पर ही प्राइवेट बोट चल रही थी और उन पर वायरलैस सैट लगे हुए थे।इस बोट का मालिक चंपकलाल जैन था , जिसे अरेस्ट कर लिया गया। मगर , जैन ने अपने प्रभाव का इस्तेमालकरते हुए एसीबी में वाघमारे के विरुद्ध शिकायत करते हुए कहा कि वाघमारे वायरलैस सैट मांग रहे थे। एसीबीने वाघमारे को गिरफ्तार कर लिया। बाद में एसीबी ने वाघमारे के विरुद्ध कुछ आपत्तिजनक नहीं पाया , परउनके वरिष्ठ अधिकारियों ने दस्तावेजों और फाइलों में हेर  फेर करके वाघमारे को कोर्ट से अगस्त ,2010 मेंदोषी करार दे दिया। इस पर वाघमारे ने भोईवाड़ा कोर्ट में गुहार लगाई और कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर कोएफआईआर दर्ज करके जांच कराने का निर्देश दिया। यहां भी एसीबी अधिकारियों ने अड़ंगा लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में गुहार लगाई , जिसे कोर्ट ने रद्द करते हुए वाघमारे का पक्ष लिया। 

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