Friday, May 3, 2013

मराठा जाति को आरक्षण देने के विरोधी नहीं

एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि वे मराठा जाति को आरक्षण देने के विरोधी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा कांग्रेस-एनसीपी सरकार वास्तव में मराठों को आरक्षण देना ही नहीं चाहती। वह तो सिर्फ 'राजनीतिक खेल' खेल रही है। 

जड़ पर हमलाः महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और उपमुख्यमंत्री अजित पवार, दोनों ही मराठा है और कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी मराठा जाति से हैं। शक्कर कारखानों और महाराष्ट्र की सामाजिक, राजनीति और आर्थिक दुनिया में प्रबल हस्तक्षेप रखने वाली जाति कांग्रेस-एनसीपी, दोनों ही मुख्य आधार हैं। दर्जन भर युवा मराठा संगठनों से आरक्षण के लिए आंदोलन छेड़ रखा है। दलित रिपब्लिकन नेता रामदास आठवले ने खुले तौर पर मराठों का आरक्षण देने के लिए मोर्चा थाम लिया। ऐसे राज का बयान काफी मायने रखता है। 

ऐंटि ठाकरे लाइनः शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सभी तरह के जातिगत आरक्षण का अपने जीवन में खुलकर विरोध किया। लगभग सभी जातियों के कमजोर कार्यकर्ताओं की फौज उन्होंने शिवसेना के तौर पर खड़ी की। इस विरासत से मुंह मोड़ते हुए राज का आरक्षण-समर्थन बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 


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