Monday, January 26, 2009

गर्व है हेमन्त करकरे पर सभी मुंबईकरों को, मिला अशोक चक्र

गर्व है हेमन्त करकरे पर सभी मुंबईकरों को, मिला अशोक चक्र
2 महीने पहले मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के दौरान वीरता दिखाने के लिए देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'अशोक चक्र' पाने वाले एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे मालेगांव ब्लास्ट की जांच करने वाले महत्वपूर्ण पुलिस अधिकारी थे। जॉइंट पुलिस कमिश्नर करकरे मुंबई सीएसटी, ताज और ओबेरॉय होटेल पर पिछले साल 26 नवंबर को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में शहीद हुए थे। मुम्बई हमलों के दिन रात 9:40 बजे करकरे को सीएसटी स्टेशन पर आतंकवादी हमले की सूचना मिली। उन्होंने तुरंत वहां पुलिस बल भेजा और खुद एक छोटे दल के साथ कामा अस्पताल की ओर आए, क्योंकि तब तक आतंकवादी वहां पहुंच चुके थे। आतंकवादियों और पुलिस दल के बीच हुई मुठभेड़ में करकरे गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्होंने कार्रवाई जारी रखते हुए एक आतंकवादी को घायल कर दिया। करकरे के अलावा महाराष्ट्र पुलिस के एसीपी अशोक काम्टे को भी अशोक चक्र दिया गया है। पश्चिमी इलाके में 10 आतंकवादियों के हमले के बाद वहां पहुंची पुलिस टीम में काम्टे शामिल थे। आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन काम्टे ने पुलिस जीप में उनका पीछा किया, लेकिन आतंकवादियों ने उन पर घात लगाकर हमला बोल दिया, जिससे काम्टे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। वह घायलावस्था में भी लड़ते रहे और एक आतंकवादी को घायल करने में सफल रहे। महाराष्ट्र पुलिस के इंस्पेक्टर और एन्काउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर विजय सालस्कर भी मुम्बई ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए घायल हो गए थे। वह उसी वाहन पर सवार थे, जिस पर काम्टे थे और जिस पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था। मरणोपरांत अशोक चक्र पाने वालों में महाराष्ट्र पुलिस के एएसआई तुकाराम ओंबले का नाम भी शामिल है, जो 26 नवंबर की रात डी. बी. मार्ग थाने पर नाइट ड्यूटी पर थे। आधी रात एक वायरलेस संदेश आया कि 2 आतंकवादी एक कार में मरीन ड्राइव की ओर जा रहे हैं। ओंबले ने तत्काल अवरोधक लगाए, ताकि आतंकवादियों की कार रोकी जा सके। जैसे ही कार रुकी, भीतर बैठे एक आतंकवादी ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। ओंबले कार के बांई ओर आए और एक आतंकवादी पर कूद पड़े, ताकि उसकी एके-47 राइफल छीनी जा सके। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए और शहीद हो गए। दिल्ली के बटला हाउस में एक फ्लैट में छिपे तीन आतंकवादियों पर काबू करने पुलिस दल के साथ पहुंचे दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। उन्हें भी अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।

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