Thursday, April 14, 2011

निर्माण कार्य शुरू करने से पहले वहां पर लेबर कैंप बनाने अनिवार्य होंगे

महानगर को डिवेलप करने वाले बिल्डरों के सामने बीएमसी नई शर्त रखने जा रही है। डिवेपलर्स को निर्माण कार्य शुरू करने से पहले वहां पर लेबर कैंप बनाने अनिवार्य होंगे, वर्ना बीएमसी बिल्डिंग बनाने की अनुमति नहीं देती। यह शर्त छोटे व मीडियम बिल्डरों के लिए एक मुसीबत बन जाएगी। नई शर्त जोड़ने से प्रॉजेक्ट लागत में निश्चित ही बढ़ोतरी होगी जिसकी वसूली बिल्डर घर खरीदने वालों से ही करेगी। इससे मकानों की कीमतें बढ़ जाएगी। इस बाबत बीएमसी के डायरेक्टर अशोक शिंत्रे ने बताया कि आईओडी (इंटीमेशन ऑफ डिसअप्रूवल) में यह नई शर्त जोड़ने के बाबत खाका तैयार किया जा रहा है। इस बारे में डिवेलपमेंट प्लान डिपार्टमेंट नियम कानून बना रहा है। दरअसल, पिछले दिनों शहर का एक नामी बिल्डर अपनी योजना मंजूरी कराने के लिए कमिश्नर सुबोध कुमार के पास आया। बिल्डर ने अपने प्रॉजेक्ट का नक्शा कमिश्नर के सामने रखा। उस बिल्डर का बड़ा प्रॉजेक्ट था और उसने अपने प्रोजेक्ट में लेबरों के लिए लेबर कैंप बनाने का प्रावधान कर रखा था। लेबर कैंप के बात कमिश्नर के दिमाग के घर कर गई। बिल्डर जैसे की उनके दफ्तर से बाहर निकला वैसे ही उन्होंने डायरेक्टर अशोक शित्रे को बुलाया। उन्होंने शित्रे को आदेश दिया कि वे आईओडी में लेबर कैंप बनाने की शर्त अनिवार्य करें। कमिश्नर के आदेश का पालन करते हुए डिवेलपमेंट प्लान डिपार्टमेंट के अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं। इन अधिकारियों का कहना है कि बड़े प्रॉजेक्ट में लेबर कैंप बनाया जा सकता है मगर छोटे प्रॉजेक्ट में यह संभव ही नहीं है। हालांकि, छोटे व मीडियम प्रॉजेक्ट में लेबर के लिए सहूलियत दी जाती है और हमारे असिस्टेंट इंजिनियर निर्माण कार्य स्थल पर जाकर खुद मुआयना करते हैं और उसे मंजूर भी करते हैं। उन्होंने बताया कि लेबर कैंप अस्थायी होता है जैसे ही बिल्डिंग बन कर तैयार हो गई वैसे ही डिवेलपर्स लेबर कैंप को हटा देगा। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि लेबर कैंप अनिवार्य करने से निर्माण खर्च बढ़ेगा जिसकी वसूली बिल्डर घर खरीदने वालों से ही करेगा। लेबर कैंप में मजदूरों को बुनियादी सुविधा मुहैया कराई जाती है। खाना बनाने के लिए कमरे , शौचालय और नहाने के लिए कमरे , उनके बच्चों को पढ़ाई - लिखाई की सुविधा , मेडिकल सुविधा जैसी अन्य सुविधा कराना होता है। यह लेबर कैंप तब तक के लिए रहता है जब तक कि निर्माण कार्य स्थल का काम पूरा नहीं हो जाता। जैसे ही निर्माण कार्य पूरा हुआ वैसे ही इसे तोड़ कर गिरा दिया जाता है।

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