Friday, August 23, 2013

अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए अध्यादेश

 अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए पारित अध्यादेश में सात वर्ष जेल और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान किया गया है।
नए अध्यादेश में सिर्फ 12 प्रावधान बचे हैं। मूल विधेयक में 30 प्रावधान हुआ करते थे। 14 वर्षों के लंबे अंतराल और छह बार महाराष्ट्र विधानमंडल में रखे जाने के बाद इसके प्रावधान में भारी बदलाव आया है।
बुधवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने प्रलंबित विधेयक को सरकारी अध्यादेश के नाम पर जारी करने का फैसला किया।

ये सब कानूनन अपराध माना जाएगा:
1. भूत पिशाच के नाम पर किसी को बांधना, उसे मारना और मूत्र-मल खाने के लिए मजबूर करना।
2. चमत्कार का प्रयोग करके लोगों को आर्थिक तौर पर फंसाना या ठगना
3. जीवन को धोखे में डालने वाली अघोरी प्रथाएं
4. गुप्तधन, जरन-मरण, भानामति के नाम पर अमानवीय, अघोरी या अनिष्ट कृत्य
5. अतिएंद्रीय शक्ति होने का आभास निर्माण करना, इससे लोगों को डराना धमकाना, फंसाना, ठगना
6. यह घोषणा करना की फलां व्यक्ति करनी करता है, जादूटोना करता है। भूत बाधा करता है, जानवरों का दूध सुखा देता है, अपशकुनी है, शैतान है।
7. चेटुक के नाम पर किसी को नंगा करके घुमाना, रोजमर्रा के व्यवहार से प्रतिबंधित करना।
8. भूत-पिशाच बुलाने के नाम पर लोगों को डराना, भूत के कोप से शारीरिक चोट हुई है, यह दावा करना।
9. कुत्ता, सांप, बिच्छू काटने पर इलाज रोकना या उसके झाड-फूंक, तंत्रमंत्र और गंडा-ताबीज देना।
10. उंगली से ऑपरेशन करने का दावा करना। गर्भ में बच्चे का लिंग बदलने का दावा।
11. पिछले जन्म में पत्नी, प्रेमिका, प्रेमी होने का दावा करके शारीरिक संबंध बनाना। अलौकिक शक्ति होने का दावा करते हुए बच्चा होने का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाना।
12.
 किसी मतिमंद बालक में अलौकिक शक्ति होने का दावा करके उसका उपयोग धंधे या व्यवसाय के लिएकरना।

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