Sunday, February 14, 2010

'मेरा कोई रुख नहीं है, कोई वैचारिक मुद्दा नहीं है। मैं सिर्फ एक ऐक्टर हूं। शाहरुख खान

अपनी फिल्म 'माई नेम इज खान' के प्रीमियर के लिए शाहरुख खान भले ही बर्लिन की सर्द हवाओं में हैं लेकिन उनका ध्यान मुंबई की 'गर्मी' पर है। मुंबई में तनाव खत्म करने को लेकर पहल करते हुए शाहरुख ने कहा कि उन्हें अहंकार नहीं है और वह शिवसेना सुप्रीमो से मिलकर गलतफहमी दूर करेंगे। शाहरुख खान ने कहा, 'मैं ईमानदारी से यह कह सकता हूं कि निजी स्तर पर मेरे सभी से अच्छे संबंध हैं और जहां किसी विचारधारा की बात है तो हम चर्चा करेंगे और बातों को सुलझाएंगे।' बॉलिवुड ऐक्टर ने कहा 'मैं बाला साहब और उद्धव ठाकरे को अच्छी तरह जानता हूं। अगर कोई गलतफहमी है तो मैं इसे दूर करूंगा। न तो मुझे अहंकार है और न ही झूठा आत्मसम्मान।' शाहरुख ने कहा, 'फिल्म माई नेम इज खान का अपना कोई रुख नहीं है। इसमें केवल समस्याएं दिखाई गई हैं। जब मैं राजनीति में शामिल होऊंगा तो मेरा एक रुख होगा। इंशाअल्लाह, मेरे वक्तव्यों को लेकर कोई मसला नहीं रहेगा, हम बातचीत से विवाद सुलझा सकते हैं।' अपनी फिल्म के प्रदर्शन पर थियेटरों पर किए गए हमले पर शाहरुख ने कहा, 'मेरा कोई रुख नहीं है, कोई वैचारिक मुद्दा नहीं है। मैं सिर्फ एक ऐक्टर हूं। यदि मेरे बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं माफी चाहता हूं। मैं लोगों को खुश करने के धंधे से जुड़ा हुआ हूं।' उन्होंने कहा, 'फिल्म में, थिएटर में, असल जिंदगी में और नजरिए में हमेशा ऐसी विचाराधाराएं होती हैं जिनमें मतभेद होते हैं। हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए और उसके साथ शांतिपूर्ण ढंग से जीना चाहिए। शाहरुख ने कहा, 'काफी कुछ लिखा गया, काफी कुछ बोला गया है और मेरे शहर मुंबई व मेरे देश सहित दुनिया में मौजूद हर व्यक्ति के प्रति सम्मान दर्शाते हुए मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि अब मैं लाल कालीन पर चलना चाहता हूं, थोड़ी शैम्पेन पीना चाहता हूं, फिल्म का लुत्फ उठाना चाहता हूं और खुश रहना चाहता हूं। इंशा अल्लाह, आखिर में सब कुछ ठीक हो जाएगा।'

No comments:

Post a Comment