Wednesday, February 16, 2011

अबतक 1 लाख 38 हजार भरे हुए फार्म जमा

रेलवे ने हाल में रिक्त पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए मनसे ने अपने चुनाव चिह्न इंजिन को सार्थक करते हुए मराठी माणुस को फॉर्म भरने में हर संभव मदद की। रेलवे के फॉर्म थोक में अपने केंद्रों पर रखकर जानकार लोगों की निगरानी में फार्म भरवाने का काम किया गया। मुंबई और मुंबई से बाहर जी - जान से इस काम में लगे मनसे कार्यकर्ताओं ने अबतक 1 लाख 38 हजार भरे हुए फार्म जमा करके बड़ा मैदान मारा है। राज्य के कोने - कोने से फार्म राजगडा में जमा किए गए और वहां से ट्रक में लादकर रेलवे आफिस भेजे जा रहे हैं। पार्टी विधायक नितिन सरदेसाई ने बताया कि माहिम स्थित मनसे मुख्यालय में अबतक एक लाख 38 हजार 117 फार्म जमा हुए हैं। अब इन फार्मों को ट्रक में लादकर रेलवे भर्ती बोर्ड के आफिस भेजा जाएगा। कुछ लोगों ने फार्म भरकर खुद ही भेजे हैं। अभी फार्म भरने की अंतिम तिथि दूर है , इसलिए और फार्म भरे जाएंगे। मनसे द्वारा चलाए गए जन जागरण अभियान के कारण इस बार करीब 5 लाख मराठी माणुस ये फार्म भरेंगे। राडा के बदले मार्गदर्शन : उन्होंने बताया कि रेलवे भर्ती के विज्ञापन मराठी अखबारों में नहीं आते इसलिए मराठी लोगों को इस बात का पता नहीं चलता था। मगर इस बार मनसे ने समय रहते राज्य के कोने - कोने में लोगों को यह सूचना दी और फॉर्म भरने भी मदद की। यह काम आंदोलन से हटकर था और बताया जा रहा है कि आगामी मनपा चुनाव में मनसे को इस मुहिम का भारी लाभ मिलेगा। दो साल पहले मनसे से अन्य राज्यों विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले उम्मीदवारों की पिटाई की थी , लेकिन इस बार मार्गदर्शन का काम करके जनता का दिल जीतने की कोशिश की है। राज्यव्यापी मुहिम : इसके लिए राज्य भर में मनसे ने मराठी युवा वर्ग को रेलवे भर्ती के फॉर्म वितरित किए गए। साथ ही उन्हें आवश्यक सारी जानकारी उपलब्ध करवाई। होर्डिंग लगाकर और सूचना बुक्स के माध्यम से मराठी युवा वर्ग का मार्गदर्शन किया। रेलवे की नौकरियों में मराठी माणुस की उपेक्षा हो रही है इस मुद्दे को राज ठाकरे में शिवसेना में रहते समय ही उठाया था। अलग पार्टी बनाने के बाद भी वे इस बात को भूले नहीं। इसके लिए पिछली बार कल्याण में मारपीट और हंगामा किया गया। इस पर जमकर पार्टी और राज की आलोचना हुई। इसलिए कानून के दायरे में रहकर मराठी लोगों का हित साधने का उपाय सोचा गया और उसे राज्य स्तर पर मुहिम चलाकर साधा गया।

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