Tuesday, November 6, 2012

'महिलाओं को दरगाह के गर्भगृह में जाने की इजाजत नहींमिलेगी।


 मुंबई की मशहूर दरगाह हाजी अली पर महिलाओं काप्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है जिसके बाद इस निर्णय कीकड़ी आलोचना हो रही है  सूफी संत की दरगाह का निर्माण15 वीं सदी में हुआ था  बहरहाल दरगाह के प्रबंधन ने आजकहा कि महिलाओं को दरगाह के बड़े एवं खुले परिसर में जानेकी आजादी होगी लेकिन वे गर्भगृह में नहीं जा सकेंगी  प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन को आते हैं। 

हाजी अली दरगाह ट्रस्ट के ट्रस्टी रिजवान मर्चेंट ने कहा , 'महिलाओं को दरगाह के गर्भगृह में जाने की इजाजत नहींमिलेगी। ' मर्चेंट ने निर्णय का बचाव करते हुए कहा , ' इस्लामी शरिया कानून के मुताबिक अगर इस्लामीविद्वानों ने फतवा जारी किया है और मांग की है कि महिलाओं को दरगाह के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएतो हमने केवल इसमें सुधार किया है। ' 

मर्चेंट ने दावा किया कि महिला श्रद्धालुओं के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है  उन्होंने कहा , ' वे प्रार्थनाकर सकती हैं , नमाज पढ़ सकती हैं और शॉल एवं चादर चढ़ा सकती हैं। हम अपनी बहनों से सिर्फ इतना हीआग्रह करते हैं कि वे दरगाह के अंदर नहीं घुसे। ' हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी और माहिम मखदूम शाह बाबादरगाह के प्रबंध ट्रस्टी सुहैल खांडवानी ने कहा , ' शरिया कानून दावा करता है कि कोई भी महिला कब्र , कादौरा नहीं कर सकती। ' खांडवानी ने कहा , ' हम दरगाहशरीफ में महिलाओं को जाने की अनुमति देते हैं लेकिनअस्तना ( जिस जगह पर संत को दफनाया जाता है ) में नहीं  ' यह मकबरा पीर हाजीअली शाह बुखारी की कब्र है ।उन्होंने कहा , ' अधिकतर महिलाएं करीब 80 फीसदी इस निर्णय से सहमत हैं  ' 

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