Wednesday, October 31, 2012

बच्चों की धुनाई करने वालों में ज्यादातर मां ही होती हैं


क्या घर में रहने वाली मांएं कामकाजी माओं के मुकाबले बच्चों को ज्यादा पीटती हैं? हाल ही में हुए सर्वे की मानें तो यही सच है। सर्वे में शामिल लोगों में से 65 फीसदी पैरंट्स ने माना कि वे बच्चों को पीटने से गुरेज नहीं करते। अकेले मुंबई में 10 में से 7 पैरंट्स अपने बच्चों को मारते-पीटते हैं। हैरानी की बात यह है कि 77 फीसदी मामलों में बच्चों की धुनाई करने वालों में ज्यादातर मां ही होती हैं।

यह सर्वे मुंबई के एक एजुकेशन ग्रुप पोदार इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन ने मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नै और बेंगलुरु समेत 10 शहरों में किया। पोदार जंबो किड्स के डायरेक्टर स्वाति पोपट वत्स ने बताया, 'हैरतअंगेज यह है कि ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में बच्चों पर अधिक हाथ उठाया जाता है। सर्वे में हमें यह भी पता चला कि घर पर रहने वाली महिलाएं, जो कि नौकरीपेशा नहीं हैं, बच्चों को शारीरिक दंड कामकाजी महिलाओं के मुकाबले ज्यादा देती हैं। '

हाउसवाइफ इस मामले में ज्यादा सख्त होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे ज्यादा वक्त बच्चों के साथ बिताती हैं। जबकि, कामकाजी महिलाएं परिवार और जॉब के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिशों में ही लगी रहती हैं।

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