Tuesday, June 23, 2009

26 जून तक मॉनसून के जमकर बरसने की खबरें आने लगेंगी।

इस बरस मॉनसून का मिजाज कुछ बिगड़ता दिखा है, लेकिन अब उम्मीद बंधी है कि ज्यादा दिन नहीं, बस शुक्रवार यानी 26 जून तक मॉनसून के जमकर बरसने की खबरें आने लगेंगी। दिल्ली में यह जुलाई के पहले हफ्ते तक पहुंच जाएगा। गर्मी से बेहाल लोगों को यह उम्मीद दिलाई हैं मौसम विभाग ने। प्लानिंग कमिशन ने भी दिल को तसल्ली देने वाली बात कही है कि मॉनसून की देरी का असर देश की इकॉनमी पर ज्यादा नहीं पड़ने वाला। दरअसल, यूएन के मौसम विभाग ने अल नीनो की आशंका जताते हुए कहा है कि सामान्य से बेहद कम बारिश होने की वजह से खेती पर काफी असर पड़ सकता है। प्लानिंग कमिशन के डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह ने इसके जवाब में भरोसा दिलाया है कि मॉनसून के आने में कुछ हफ्तों की देरी से निपटने के पुख्ता उपाय किए जा रहे हैं, इसलिए इकॉनमी पर खास असर नहीं पड़ेगा। मौसम विभाग के पिछले हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि इस साल जून में सामान्य से 51 पर्सेंट बारिश कम हुई है। लेकिन अब इंडियन मेट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल अजीत त्यागी का कहना है कि मॉनसून भले ही कुछ देर से आएगा लेकिन आते ही छा जाएगा। मुंबई में मॉनसून ने दस्तक दे दी है और शुक्रवार तक पूरे महाराष्ट्र, आंध्र और कर्नाटक में इसके जोर पकड़ने की उम्मीद है। त्यागी कहते हैं कि घबराने की बात इसलिए नहीं है, क्योंकि मॉनसून के आने में 10 दिन की देरी का अनुमान लगाकर ही सरकार ने प्लानिंग की हुई है। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ए. मजूमदार बताते हैं कि कई बार ऐसा हुआ है, जब जून में मॉनसून खराब रहा, लेकिन बाद में तेजी पकड़ने से सामान्य या इससे कहीं अच्छा हो गया। 1926 के जून में 48 पर्सेंट कम बारिश हुई, लेकिन बाद में कुल 107 पर्सेंट रेकॉर्ड रही जो सामान्य से ज्यादा है। गौरतलब है कि बारिश पर खरीफ की 65 पर्सेंट खेती निर्भर करती है, जिस पर अधिकतर किसान चावल, सोयाबीन और मूंगफली पैदा करते हैं। किसानों ने बीज बोने के लिए खेत तो तैयार कर लिए थे, लेकिन बारिश में देरी की वजह से कई इलाकों में बीज नहीं बोया गया है। पिछले साल इस वक्त तक 60 पर्सेंट इलाकों में बीज बोया जा चुका था, जबकि इस साल 6.5 पर्सेंट ही बीज बोया गया। अगर मॉनसून आने में और देरी हुई तो कुल पैदावार में असर पड़ सकता है। इस साल महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड, आंध्र जैसे राज्यों में औसतन 80 पर्सेंट कम बारिश हुई है। भू विज्ञान मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के मुताबिक पीएम ऑफिस मॉनसून पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय कैबिनेट ने मॉनसून में देरी से होने वाले असर का जायजा लेने के लिए सचिवों की एक कमिटी बनाई है, जो शुक्रवार को उन राज्यों के कृषि सचिवों के साथ बैठक करेंगे, जहां बारिश नहीं हुई है या कम हुई है।

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