Tuesday, June 16, 2009

महाराष्ट्र सरकार ने टीवी सीरियल में काम करने वाले बच्चों को बाल कलाकार मानने से साफ इंकार कर दिया था

महाराष्ट्र सरकार ने कथित तौर पर बाल कलाकारों से काम करवाने के सिलसिले में बाल श्रम कानून के तहत पांच टेलीविजन प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रदेश के श्रम मंत्री नवाब मलिक ने कहा, 'इस संबंध में अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला दर्ज किया गया है।' जिन प्रॉडक्शन हाउस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें मीनाक्षी सागर (धारावाहिक जय श्री कृष्ण), स्फेयर आरिजिन्स (बालिका वधू), हैट्स ऑफ (जस्सूबेन जोशी की जॉइंट फैमिली), फिल्म फार्म (उतरन), साई बाबा फिल्म्स (चक दे बच्चे) शामिल हैं। दोषी पाए जाने पर इन्हें 10,000 रुपए का जुर्माना या छह महीने की कैद हो सकती है या दोनों ही सजा हो सकती है। यह मामला जुडिशल मैजिस्ट्रेट के पास दर्ज कराया जाएगा। इन प्रॉडक्शन हाउस ने कथित तौर पर बाल श्रम (रोकथाम और नियमन) कानून 1986 का उल्लंघन किया है। श्रम मंत्रालय ने पिछले वर्ष दिसंबर में इन निर्माताओं को नोटिस भेज कर बाल कलाकारों की कार्य अवधि और काम करने की दशा के बारे में जानकारी मांगी थी। उल्लेखनीय है महाराष्ट्र सरकार ने टीवी सीरियल में काम करने वाले बच्चों को बाल कलाकार मानने से साफ इंकार कर दिया था और उन निर्माताओं के विरुद्ध बाल मजदूर अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। शीतकालीन अधिवेशन के समय ही महाराष्ट्र सरकार के कामगार मंत्रालय की ओर से टीवी सीरियलों के निर्माताओं को इस संबंध में नोटिस भेजी थी। तब किसी भी टीवी सीरियल निर्माता ने सरकार के नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया था। ताजा सत्र में यह मुद्दा फिर गूंजा और सरकार ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

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