Wednesday, August 19, 2009

आगामी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते पर लड़ेंगे।

पिछले 19 सालों से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ जारी गठबंधन तोड़ते हुए रामदास आठवले, डॉ. राजेंद्र गवई और जोगेंद्र कवाडे ने मंगलवार को घोषणा कर दी कि रिपब्लिकन एकता में शामिल सभी दल और संगठन आगामी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते पर लड़ेंगे। संभव है कि इस निर्णय का जबरदस्त खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस को भुगतना पड़े। वरिष्ठ रिपब्लिकन नेता श्री आठवले, डॉ. गवई और प्रा. कवाडे ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि अब हम किसी भी स्थिति में कांग्रेस आघाड़ी और शिवसेना-बीजेपी युति से नहीं जुड़ेंगे और हमारी कोशिश रहेगी कि हम तीसरे मोर्चे को अधिक मजबूत करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री गवई के नेतृत्व वाली रिपब्लिकन पार्टी रजिस्टर्ड दल होने के कारण इसी पार्टी के टिकट पर सभी रिपब्लिकन उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पर, इस समय एक और वरिष्ठ नेता टी.एम. काम्बले ने चुनाव के संदर्भ में तमाम विकल्प अब भी खुले रखने का प्रस्ताव रखा। पर वह अन्य नेताओं द्वारा मंजूर न किये जाने के कारण वे उसी समय इस 'एकजुट' से बाहर हो गये। आठवले और गवई ने यह भी कहा कि हमारी इच्छा थी कि प्रकाश आम्बेडकर भी इस एकजुट में शामिल हों पर उनकी जिद्दी स्वभाव के कारण हमने निर्णय उनके विवेक पर छोड़ दिया है। अब उनका भविष्य आम्बेडकरी जनता ही तय करेगी। श्री आठवले ने कहा कि हमने डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर के विचारों को मानने वाली दलित जनता की संतप्त भावना के मद्देनजर और उनकी अस्मिता और स्वाभिमान को कायम रखने के लिए 19 वर्ष से जारी कांग्रेस और हमारा गठबंधन हमने तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आगामी 22 अगस्त से राज्य में विभिन्न स्थानों पर सभाओं का आयोजन कर वे आम्बेडकर के अनुयायी दलित जनता, आदिवासी, अल्पसंख्यक और बहुजन समाज से संवाद स्थापित करेंगे।

No comments:

Post a Comment