Sunday, December 20, 2009

हर घटना या बात को राजनीतिक चश्मे से देखने की उन्हें आदत नहीं।

राजनीतिक तिकड़म उन्हें न भाती है, न आती है। घंटे भर बात करो तो नितिन गडकरी की बात में या तो महाराष्ट्र सरकार के विविध घोटालों का जिक्र होता है या विकास के प्लान! हिंदुत्व का जिक्र भी बहुत कम होता है। हर घटना या बात को राजनीतिक चश्मे से देखने की उन्हें आदत नहीं। इसीलिए दिल्ली के राजनीतिक हलकों में यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बीजेपी के नए अध्यक्ष बने नितिन गडकरी बीजेपी का बिखरा घर शायद ही संवार पाएं! कद में भले हैवी हों, राजनीतिक लिहाज से गडकरी को कद्दावर नहीं माना जाता। पर उनकी इसी कोरी छवि ने गडकरी को उस पद पर बिठाया है जिसकी खुद उन्होंने कल्पना नहीं की थी। गडकरी की इमेज विकास से जुड़ी है और ताजा राजनीतिक माहौल में यही उनका यूएसपी साबित हुआ है। यंग और विकास की बातें करने वाले गडकरी बीजेपी को नई धारा में ले जा सकते हैं, क्योंकि वे हिंदुत्व के एजेंडा से कतई जुड़े नहीं हैं। गडकरी की विकास की धुन यंग जनरेशन को पार्टी से जोड़ सकती हैं। परंपरागत मानक के अनुसार, गडकरी जन नेता नहीं हैं। उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। 27 साल से वे विधानपरिषद के सदस्य है। जब प्रमोद महाजन जीवित थे, तब महाराष्ट्र बीजेपी पर उन्हीं का नियंत्रण था। उनके निधन के बाद गोपीनाथ मुंडे सर्वेसर्वा रहे हैं हालांकि गडकरी प्रदेशाध्यक्ष थे। यदि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सत्ता आती तो उपमुख्यमंत्री गडकरी नहीं मुंडे ही हो सकते थे। अब गडकरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने से मुंडे का पार्टी में वजन कम हो गया है। बहरहाल कुछ दिन पहले एनबीटी कार्यालय को भेंट देने आए गडकरी ने कहा था 'मैंने तय किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने के बाद लोकसभा का चुनाव लडूंगा।' पर चुनाव अभी पांच साल दूर है। पत्रकारों से घंटे भर के संवाद में उन्होंने बिजली का उत्पादन बढ़ाने, किसानों की उपज के लिए सही दाम दिलाने और दलितों की उन्नति के रोड मैप की चर्चा की। उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि बीजेपी की इमेज और वास्तविकता में बड़ा फर्क है। मीडिया में उसके बारे में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। उसे गलत परिपेक्ष्य में देखा जाता है। गडकरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी की इमेज बदलना है। खाने पीने के शौकीन गडकरी बिल्कुल सीधे और खरे शख्स हैं। जो मन में है वही बात जबान पर होती है, इसीलिए कई बार मुश्किल में आ गए हैं। किसी भी प्लान या घोटाले की बारीकी से जांच करके लंबा चौड़ा प्रेजेंटेशन करने में माहिर है।

No comments:

Post a Comment