Tuesday, June 1, 2010

डी . शिवानंदन को राज्य का नया डीजीपी।

सन् 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव दयाल को सोमवार को मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है , जबकि डी . शिवानंदन को राज्य का नया डीजीपी। संजीव दयाल की नियुक्ति पर काफी लोगों को उतना आश्चर्य नहीं हुआ , जितना डी . शिवानंदन की नियुक्ति पर , क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने पिछले सप्ताह इस बात के संकेत दिए थे कि राज्य का नया डीजीपी हसन गफूर को बनाया जानेवाला है। सूत्रों के अनुसार गफूर का पत्ता एन वक्त पर कटा। गफूर को राज्य का नया डीजीपी न बनाए जाने की वजह 26/11 हमले पर बनी राम प्रधान कमेटी की वह रिपोर्ट ही रही , जिसमें गफूर के नेतृत्व पर प्रतिकूल टिप्पणियां की गई थीं। इन्हीं प्रतिकूल टिप्पणियों की वजह से गफूर को मुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी से पिछले साल हटाया गया था और डी . शिवानदंन को तब नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर की पोस्ट अडिशनल डीजी रैंक की है। चूंकि शनिवार को स्टेट डीजीपी की पोस्ट से ए . एन . राय रिटायर हो गए , इसलिए डी . शिवानंदन को डी . जी रैंक में प्रमोशन मिल गया। महाराष्ट्र में डीजी रैंक की तीन पोस्ट हैं। वरिष्ठता में हालांकि शिवानंदन डीजी रैंक के दूसरे अधिकारियों एसीबी के डीजी हसन गफूर और हाउसिंग के डीजी पी . पी . श्रीवास्तव की तुलना में जूनियर हैं , लेकिन राज्य सरकार ने फैसला शिवानदंन के पक्ष में दिया। जब शिवानंदन से इस बारे में सवाल पूछा गया , तो उन्होंने कहा कि मैं तोड़ पानी में विश्वास नहीं करता। मैंने डीजीपी के लिए कोई दौड़ नहीं लगाई। मेरी नियुक्ति राज्य सरकार ने की है। जब शिवानंदन ने पिछले साल मुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी संभाली थी , तो इस बात की गारंटी दी थी कि अब मुंबई में दूसरा 26/11 नहीं होगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मेरी प्रमुख प्राथमिकता होगी। सोमवार को राज्य के डीजीपी की कुसीर् संभालने के दौरान शिवानंदन ने अपनी प्राथमिकता नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई बताया। वैसे सन् 95 से 98 तक नक्सली इलाकों में वह काम भी कर चुके हैं। संजीव दयाल ने मुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी संभालने के बाद कहा कि उनकी प्राथमिकता में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तो रहेगी ही , वह वरिष्ठ नागरिकों और औरतों पर होने वाले हमलों को लेकर भी काफी सजग रहेंगे , ताकि इन पर होने वाले अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके।

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