Tuesday, December 17, 2013

स्क्रीन देखकर वीआईपी नंबर

अंधेरी आरटीओ महाराष्ट्र का पहला ऐसा आरटीओ बन गया है, जहां आप वाहनों के वीआईपी नंबर ऑनलाइन पा सकते हैं। इसके लिए आपको अंधेरी आरटीओ जाना होगा और वहां लगी डिजिटल स्क्रीन देखकर मनमाफिक नंबर उपलब्ध होने पर फॉर्म भरना होगा, फिर फीस जमाकर आप वीआईपी नंबर ले सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक अब तक वीआईपी नंबर पाने के लिए तयशुदा फीस के अलावा संबंधित ऑफिसर या कर्मचारी की जेब भी गर्म करनी पड़ती थी। उसके बाद वह काफी देर तक फाइल देखता था, फिर इच्छित नंबर खंगालने के बाद उसका उपलब्ध नंबरों की सूची से मिलान करता था। यदि उस दिन उक्त नंबर नहीं मिलता था, तो दूसरे दिन आने के लिए कहा जाता था।डेप्युटी आरटीओ अधिकारी भरत कलसकर के अनुसार, अब मनमाफिक नंबर लेने के इच्छुक लोगों को अंधेरी आरटीओ की नई बिल्डिंग में दूसरी मंजिल स्थित हॉल जाना होगा। वहां करीब 42 इंच वाली एक बड़ी स्क्रीन लगी है, जिसमें दो पहिया वाहनों के अलावा कार, ट्रक आदि के लिए भी बारी-बारी से उपलब्ध वीआईपी नंबर और उनके सामने तयशुदा फीस नजर आएगी। एक बार फीस जमा करने के बाद 30 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को मन मुताबिक वीआईपी नंबर मिल जाएगा।पहले कई लोग वीआईपी नंबर पाने के लिए मंत्री, एमपी, एमएलए का सिफारिशी पत्र तक लाते थे। उनका कहना है कि एक बार आपने फॉर्म भरकर फीस जमा कर दी, तो जो आपने नंबर मांगा है, वह किसी अन्य को नहीं दिया जा सकता। यह सबसे बड़ी ट्रांसपैरंसी है। इस सॉफ्टवेयर को नैशनल इन्फर्मेशन सेंटर (एनआईसी) ने आरटीओ की पहल पर तैयार किया है।
एक सूत्र ने बताया कि पिछले सप्ताह एक बड़ी फिल्मी हस्ती ने वीआईपी नंबर मांगा था, लेकिन वह नंबर किसी अन्य ने कुछ देर पहले ही मांग लिया था, इसलिए यह नंबर उस हस्ती को नहीं मिल सका। पहले ऑफिसर किसी को खुश करने के लिए कोई न कोई जुगत लगाकर वीआईपी नंबर दे दिया करता थे।
सोमवार 1 बजे स्क्रीन पर 0001 नंबर दो पहिया वाहन के लिए 50,000 रुपये में, लाइट मोटर वीइकल (एलएमवी) के लिए 4 लाख रुपये में उपलब्ध था। इसी तरह 0009, 0099, 0786, 0999 और 9999 नंबर क्रमश: दोनों तरह के वाहनों के लिए 20,000 रुपये और 1.50 लाख रुपये में उपलब्ध थे।चौहान मोटर ड्राइविंग स्कूल के प्रमुख चौहान का कहना है कि यह सुविधा अभी केवल अंधेरी आरटीओ में है, जो मुंबई के ताड़देव और वडाला आरटीओ में भी उपलब्ध करानी चाहिए, क्योंकि मुंबई में वीआईपी नंबर पाने का ज्यादा ही क्रेज है। उनका यह भी कहना था कि आरटीओ को लर्नर लाइसेंस को भी ऑनलाइन पर डाल देना चाहिए जैसे कि पासपोर्ट के लिए होता है। सोमवार को ही अंधेरी आरटीओ के इस कारनामे से कुछ सीखने के लिए ताड़देव के आरटीओ अधिकारी अनिल पाटील ने यहां दौरा किया था।
 

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