Tuesday, November 18, 2014

मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसके कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया

डॉन रवि पुजारी फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट की हत्या करना चाहता था। इससे पहले कि वह इस साजिश को अंजाम दे पाता, मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसके कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन 13 लोगों में छह वे आरोपी भी हैं, जो 23 अगस्त को जुहू में मोरानी ब्रदर्स के घर के बाहर हुई गोलीबारी में शामिल थे।
मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ सदानंद दाते ने कहा कि हमने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 4 पिस्टल, 15 कारतूस के अलावा कई मोबाइल भी जब्त किए हैं।
महेश भट्ट और उनका परिवार खार में रहता है। क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि रवि पुजारी ने अपने शूटरों को बोल रखा था कि यदि महेश भट्ट न मिलें , तो उनके भाई मुकेश भट्ट और बेटे राहुल को भून दो। डॉन ने शूटरों से कहा कि मोरानी ब्रदर्स के दफ्तर के बाहर हुई गोलीबारी का कोई इम्पैक्ट नहीं हुआ है, इसलिए इस बार प्योर शॉट मारो। रवि पुजारी ने करीब छह साल पहले भी महेश भट्ट के दफ्तर के बाहर गोलियां चलवाई थीं। तब वह बाल -बाल बच पाए थे।
क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि महेश भट्ट और उनके परिवार को ट्रेस करने के लिए रवि पुजारी ने फिरोज सैयद नामक आरोपी को उनकी बिल्डिंग में बतौर वॉचमैन नौकरी करने को भी कहा था। फिरोज ने इस वास्ते बिल्डिंग के एक वॉचमैन से दोस्ती भी कर ली थी, ताकि उसे जॉब मिलने में कोई दिक्कत न हो।
मोरानी ब्रदर्स पर हुई फायरिंग के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की लगभग डेढ़ दर्जन यूनिट्स को आरोपियों को ढूंढने के काम पर लगाया गया था, पर सफलता इंस्पेक्टर जगदीश साहिल और धीरज कोइल कोली की टीम को मिली। रवि पुजारी ने मोरानी ब्रदर्स व महेश भट्ट की सुपारी के रूप में अपने शूटरों को कुल 11 लाख रुपये दिए थे। इनमें पांच लाख रुपए अकेले मोरानी फायरिंग से जुड़े आरोपियों को मिले थे। मोरानी के यहां फायरिंग के लिए एक बाइक पर आजम खान, अशफाक रशीद और आसिफ खान घर के बाहर आए थे। आजम गाड़ी चला रहा था, आसिफ बीच में बैठा था। अशफाक ने तीन राउंड गोलियां चलाई थीं। इस गोलीबारी के बाद रवि पुजारी ने फिल्म अभिनेता शाहरूख खान के प्रोडेक्शन हाउस रेड चिली में भी फोन किया था।

रवि पुजारी ने उसी दौरान एक अंग्रेजी अखबार से जुड़े पत्रकार की भी सुपारी दी थी। इस पत्रकार ने अपनी किसी खबर में रवि पुजारी को चिंदी डॉन के रूप में परिभाषित किया था। डीसीपी धनंजय कुलकर्णी के अनुसार, सभी आरोपियों को 24 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। चूंकि यह केस एसीपी रैंक के ऑफिसर सुनील देशमुख को आगे की जांच के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है, इसलिए माना जा रहा है कि सभी गिरफ्तार 13 आरोपियों पर बहुत जल्द मकोका लगाया जाएगा। मकोका में एसीपी रैंक से नीचे का अधिकारी जांच ही नहीं कर सकता।

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