Saturday, November 15, 2014

आठवले खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं

चुनाव से पहले महायुति में से शिवसेना के अलग होने के बाद आरपीआई को अपने साथ जोड़े रखने के लिए बीजेपी ने रामदास आठवले से कुछ वादे लिखित में किए थे। इस पत्र पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस ने हस्ताक्षर किए हैं। अब जब आठवले ने फडणवीस का यह पुराना पत्र देखा तो खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक फडणवीस के हस्ताक्षर वाला जो पत्र आठवले को दिया गया था उसमें सबसे पहला वादा रामदास आठवले को केंद्र में मंत्री पद देने से संबंधित है। लेकिन जब हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, तो बीजेपी आठवले को भूल गई। इसके बाद जब आठवले ने वह पुराना पत्र निकाल कर दोबारा पढ़ा तो तब उनकी समझ में आया कि असल में क्या खेल हुआ है। फडणवीस के हस्ताक्षर से उन्हें जो पत्र दिया गया है उसमें कहा गया है, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए उनके नाम की सिफारिश की जाएगी।' बताया जाता है आठवले को लगने लगा है कि मुख्यमंत्री बनाने से पहले किए गए फडणवीस के वादे को लेकर बीजेपी गंभीर नहीं है।

इस पत्र में जो अन्य वादे किए गए हैं उनमें राज्य की सत्ता में 10 पर्सेंट हिस्सेदारी और महामंडलों में उचित प्रतिनिधित्व देने का वादा भी किया गया है। मजे की बात तो यह है कि बीजेपी ने इसी तरह के वादे अन्य छोटे दलों से भी किए हैं। सूत्र बताते है कि ठगे जाने का अहसास होते ही जब आठवले के पत्र का और शिवसंग्राम पार्टी के नेता विनायक मेटे को दिए गए पत्र मिलान करवाया गया तो दोनों पत्र एक से ही निकले। फर्क सिर्फ इतना था कि मेटे के पत्र में केंद्रीय मंत्री पद की सिफारिश वाली लाइन नहीं थी।
गुरुवार को आरपीआई नेता रामदास आठवले ने एक संवाददाता सम्मेलन लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री पद देने के वादे को पूरा नहीं करने के आरोप लगाते हुए बीजेपी को चेतावनी दी कि वह इस पर गौर करे अथवा 'महायुति' के टूटने का खतरा है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें उनका हक नहीं मिला तो वे 'महायुति' से अलग हो जाएंगे। उन्होंने कहा, 'लगता है कि बीजेपी अपनी शानदार जीत में छोटे दलों की भूमिका को भूल गई है। अगर वास्तव में वे हमारे महत्व को भूल गए हैं तो मैं उन्हें याद दिलाता हूं कि निकट भविष्य में चार महत्वपूर्ण कार्पोरेशन के चुनाव हैं।'
उन्होंने कहा, 'निकट भविष्य में कल्याण-डोंबिवली और नवी मुंबई कार्पोरेशन चुनाव होने हैं और 2017 में ठाणे और मुंबई महानगर पालिका के चुनाव होंगे। अगर बीजेपी अब भी हमारे महत्व को तरजीह नहीं देती और हमारा उचित हिस्सा नहीं देती तो इन चुनावों में हम दूसरों से गठबंधन करने को बाध्य होंगे।' उन्होंने कहा, 'अगर हमने विधानसभा चुनावों में शिवसेना से गठबंधन किया होता तो बीजेपी को कम से कम 20 से 25 सीटों का नुकसान होता जिसका फायदा शिवसेना को मिलता।'
देवेंद्र फडणवीस सरकार के ध्वनि मत से विश्वास मत जीतने के बारे में पूछने पर अठावले ने कहा कि यह 'असंवैधानिक' है। उन्होंने कहा, 'विधानसभा अध्यक्ष को नियमों का पालन सुनिश्चत कराना चाहिए था। जो चीज असंवैधानिक है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।'
आठवले ने इंदु मिल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारक के लिए सरकार को 5 दिसंबर की डेडलाइन दी। उन्होंने कहा, 'हमने राज्य सरकार से मांग की है कि बाबासाहब आंबेडकर के स्मारक के निर्माण के लिए हमें इंदु मिल की जमीन मुहैया कराई जाए। अगर पांच दिसंबर तक हमें जमीन मुहैया नहीं कराई जाती तो हम इंदु मिल परिसर में घुस जाएंगे और परिसर में जबरन काम शुरु कर देंगे।'

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