Tuesday, February 3, 2015

पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने पर भी किराया क्यों बढ़ाया गया

बेस्ट बसों के किराए में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ एनसीपी सड़क पर उतर आई है। कांग्रेस ने भी आंदोलन करने की चेतावनी दी है। किराए को लेकर सोमवार को कई जगहों पर बेस्ट के कंडक्टर और यात्रियों के बीच कहा-सुनी की बात भी सामने आई है।
एनसीपी की महिला विंग ने किराया बढ़ाने का विरोध करते हुए सीएसटी के स्टॉप के सामने प्रदर्शन किया। मुंबई एनसीपी के महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए बढ़ा किराया तुरंत वापस लेने की चेतावनी दी।
मुंबई और महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी बेस्ट और बीएमसी के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। मुंबई अध्यक्ष जनार्दन चांदूरकर ने आंदोलन की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र कांग्रेस ने बेस्ट के इस कदम को अन्यायकारी बताया है। प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कमी आई है। ऐसे में बेस्ट को किराया कम करना चाहिए था, लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। शिवसेना-बीजेपी के नियंत्रण वाली स्थानीय निकाय जनता पर जुल्म कर रही है। हमारी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोधी करेगी।' पार्टी ने इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बेस्ट ने रविवार से न्यूनतम किराया 6 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये और अधिकतम किराया 60 रुपये (सामान्य बस) और 70 रुपये (एक्सप्रेस बस) कर दिया है। सीएसटी से चलाई जाने वाली फोर्ट फेरी का किराया 6 रुपये से 16 रुपये कर दिया है। कई और रूट्स पर किराए में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी की गई है।
बीएमसी में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र आंबेरकर (कांग्रेस) ने तर्क दिया है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने पर भी किराया क्यों बढ़ाया गया। एनसीपी ग्रुप लीडर धनंजय पिसाल का कहना है, 'महंगाई के बोझ तले दबे यात्रियों पर बेस्ट ने एक और भार डाल दिया है। बीएमसी के 40,000 हजार करोड़ रुपये बैंकों में जमा हैं। फिर किराया क्यों बढ़ाया गया?'

सोमवार को बेस्ट समिति की हुई बैठक में डेप्युटी जनरल मैनेजर ट्रांसपोर्ट आर.आर. देशपांडे ने कहा, 'दो बस रूट (वडाला से कलंबोली) पर बस चलाना आर्थिक रूप से कठिन हो गया है, क्योंकि उस रूट पर 1100 रुपये प्रति बस प्रति महीना टोल अदा करना पड़ता है।' गौरतलब है कि इस रूट पर खारघर में नया टोल बनाया गया है।

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