Monday, February 23, 2015

सीएम देवेंद्र फडणवीस को मुंह की खानी पड़ी

मुंबई के विकास के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समिति बनाए जाने के प्रस्ताव पर सीएम देवेंद्र फडणवीस को मुंह की खानी पड़ी है। मुंबई से उठे विरोध के बाद खुद पीएम इस प्रस्ताव को लेकर पॉजेटिव नहीं हैं। पिछले दिनों पीएम ने अपनी बारामती यात्रा के दौरान रहस्योद्‌घाटन किया था कि वे महत्वपूर्ण मसलों पर शरद पवार की सलाह मानते हैं। इस मामले में भी शरद पवार ने पीएम को चिट्ठी लिखकर इस तरह की किसी भी समिति से दूर रहने और राज्य के विकास के मुद्दे राज्य को संभालने देने की सलाह दी थी। इसलिए अब यह कहा जा रहा है कि पीएम ने अपने सीएम का प्रस्ताव मानने के बजाए शरद पवार की सलाह को ज्यादा अहमियत दी है।
मुंबई के विकास में बिना किसी अड़चन के केंद्र की मदद मिलती रहे इसलिए सीधे पीएम को इस प्रक्रिया में शामिल किए जाने के अपने क्रांतिकारी विचार का यह हश्र देख सीएम देवेंद्र फडणवीस खासे आहत हैं। उनकी मंशा तो मुंबई के विकास की अड़चनों को कम करने की थी, लेकिन उनके विचार का जिस बड़े स्तर पर विरोध हुआ और मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने के आरोप लगने शुरू हुए उससे उनका कॉन्फिडेंस भी हिल गया। अपने खास लोगों से सीएम ने कहा कि बिना वजह के विरोध के चलते उन्होंने इस विशेष समिति के गठन के प्रस्ताव का फॉलो-अप करना छोड़ दिया है।
भले ही पीएम की अध्यक्षता में मुंबई के विकास की उच्च स्तरीय समिति का सीएम का प्रस्ताव लटक गया हो, लेकिन सीएम ने इसके लिए नया तोड़ निकाला है। उन्होंने मुंबई के विकास से जुड़े प्रॉजेक्ट्स को मॉनिटर करने के लिए सीएमओ में एक विशेष मॉनिटरिंग रूम बनाने की बात कही है। इस काम में सीएम अपने विश्वासपात्र नौकरशाहों को लगाने का प्लान बना रहे हैं।

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