Thursday, January 22, 2015

आम उत्पादक किसानों में जश्न का माहौल

यूरोपीय देशों के संगठन (यूरोपीय यूनियन) द्वारा हापुस आमों के आयात पर लगी पाबंदी उठा लिए जाने की खबर मिलने से वाशी स्थित थोक फलमंडी तथा कोंकण क्षेत्र के हापुस आम उत्पादक किसानों में जश्न का माहौल है। हापुस आमों के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन ने चार सब्जियों पर लगी पाबंदी भी हटा दी है जिससे इन सब्जियों के निर्यातक व्यापारी व किसानों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है।
यूरोपीय यूनियन से जुड़े 28 देशों के संगठनों ने कुछ सब्जियों और फलों में कीटाणु मिलने पर पिछले साल आमों सहित 4 सब्जियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें हापुस आम समेत सब्जियों में बैंगन, परवल, करेला व अरबी के पत्ते शामिल थे। इन पर लगा प्रतिबंध भारत के कृषि व्यवसाय व निर्यात व्यापार के लिए एक बड़ा आघात था।
इस प्रतिबंध के लगते ही केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अपेडा (ऐग्रिकल्चरल ऐंड प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डिवेलपमेंट अथॉरिटी) के अधिकारियों ने यूरोप के ब्रुशेल्स में जाकर यूरोपीय यूनियन के फूड ऐंड वेटेनरी विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी शर्तों की जानकारी ली थी। इसके बाद इन्होंने भारत लौटकर मुंबई व नवी मुंबई स्थित थोक मंडियों का दौरा किया था। इस दौरे में अधिकारियों ने फल व सब्जी निर्यातक व्यापारियों को हापुस आमों व सब्जियों का निर्जंतुकरण करने व उनकी पैकिंग के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
हापुस आमों के निर्जंतुकरण प्रक्रिया में तीन शर्तें शामिल हैं। आमों के निर्जंतुकरण करने हेतु शामिल तीन शर्तों का पालन करने वाले निर्यातकों को ही विदेशों में आम भेजने की अनुमति दी जाएगी। इनमें आमों को हॉट वॉटर ट्रीटमेंट (गर्म पानी से गुजारने की प्रक्रिया), वैपर हीट ट्रीटमेंट (अतिगर्म प्रक्रिया) तथा रेडिएशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। इससे पहले बगीचा मालिकों द्वारा पेड़ों पर ही यूजोनॉल नामक दवा की चार बूंदों का प्रति 200 मिलीमीटर पानी में मिलाकर एक बार में 40 पेड़ों पर छिड़काव किया जाता है। निर्यातक व्यापारियों द्वारा यूरोपीय यूनियन की शर्तों की पूर्ति होते ही आखिरकार इस पाबंदी को हटा लिया गया।
हापुस आमों का निर्यात यूरोपीय देशों में 50 से 100 करोड़ रुपये से अधिक का बताया गया है। इसी तरह से अभी तक प्रतिबंधित सब्जियों का निर्यात भी 100 से 150 करोड़ रुपये से अधिक का बताया गया है। यूरोपीय देशों समेत पूरी दुनिया में हापुस व अन्य सभी किस्म के आमों का कुल करीब 300 करोड़ रुपये का निर्यात होता है। भारत से पूरी दुनिया में सभी किस्म की सब्जियों का निर्यात 400 करोड़ रुपये से अधिक का किया जाता है।

भारत से विश्वभर में आमों का निर्यात किया जाता है जिससे भारत को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा मिलती है। विश्वभर में होने वाले निर्यात में सभी किस्म के आमों का करीब 7 से 10 फीसदी निर्यात अकेले 28 यूरोपीय देशों में होता है। इनमें भी सर्वाधिक निर्यात इंग्लैंड, नीदरलैंड व फ्रांस में किया जाता है।

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