Saturday, January 17, 2015

बीजेपी ने हमेशा हिंदुत्व के मुद्दे को हल्के से लिया

शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को मुंबई में ऐलान किया कि शिवसेना दिल्ली विधानसभा के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। उनकी इस घोषणा से दिल्ली के शिवसैनिकों का उत्साह बढ़ गया है। उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि शिवसेना दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपने स्वतंत्र उम्मीदवार खड़े करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बारे में उनकी बीजेपी नेताओं के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।
बता दें कि शिवसेना की दिल्ली इकाई पहले ही शिवसेना के 10 उम्मीदवारों की सूची घोषित कर चुकी है। अब उद्धव की इस घोषणा से पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए जरूरी पार्टी का '' और 'बी' फॉर्म मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है। उद्धव की इस घोषणा के बाद शिवसेना उम्मीदवारों के दूसरी सूची भी जल्दी जारी होने की संभावना है। हालांकि यह सूची भी तैयार हो चुकी है लेकिन उद्धव ठाकरे की मंजूरी के लिए रुकी हुई थी।
अपनी राष्ट्रीय राजनीतिक मर्यादाओं के कारण बीजेपी ने हमेशा हिंदुत्व के मुद्दे को हल्के से लिया है। शिवसेना अपने उग्र हिंदुत्व के लिए जानी जाती है। उत्तर भारत में इन दिनों हिंदुत्व को लेकर जैसा उग्र माहौल है, उसमें कुछ वोटों का ध्रुवीकरण अगर शिवसेना के पक्ष में हो गया तो बीजेपी को वोट कटने का खतरा है।
दिल्ली में शिवसेना के उम्मीदवारों की जीत इस बात पर भी निर्भर करेगी कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने उम्मीदवारों का प्रचार करने दिल्ली जाते हैं या नहीं। अगर उद्धव प्रचार के लिए जाएंगे तभी शिवसेना के 18 सांसद और 63 विधायकों की फौज दिल्ली चुनाव में तन-मन-धन से जुटेगी। वर्ना दिल्ली के शिवसैनिक 'एकलव्य' की तरह चुनाव लड़ेंगे।

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