Friday, March 13, 2009

जिंदा आदमी का भी डेथ सर्टिफिकेट

किसी जिंदा आदमी का भी डेथ सर्टिफिकेट बन सकता है, शायद लोग इस पर विश्वास न करें, पर सच यह है कि चर्चगेट के एक जिंदा आदमी के एक नहीं, पांच डेथ सर्टिफिकेट बने हैं। जिस यातीन प्रभाराव पर ये डेथ सर्टिफिकेट बनवाने का शक है, सेशन कोर्ट ने गुरुवार को उसकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में बीएमसी के भी कई कर्मचारी, अधिकारियों के फंसने की संभावना है। डेथ सर्टिफिकेट का यह पूरा मामला तब सामने आया, जब मुम्बई क्राइम ब्रांच ने 400 करोड़ रुपए के एक घोटाले की छानबीन शुरू की। इस घोटाले का पर्दाफाश जिन लोगों की वजह से ओपन हुआ, उनमें मुख्य था चर्चगेट का 72 साल के एक बुजुर्ग। इस बुजुर्ग ने अंधेरी में चकाला में एक नामी रीयल इस्टेट डेवलपर को 400 करोड़ रुपए की प्रापर्टी बेची थी। यह प्रापर्टी उस जगह पर है, जहां हर साल कारों का मेला लगता है। जब चर्चगेट के बुजुर्ग से यह डील फाइनल हो गई, तो डेवलपर ने इस जगह पर बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू की, उसी दौर में यातीन प्रभाराव नामक एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पास इस प्रापर्टी की पावर ऑफ अटार्नी है। ऐसे में चर्चगेट के बुजुर्ग और डेवलपर दोनों ने यातीन के खिलाफ मुम्बई क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करा दी। इसके बाद अपनी गिरफ्तारी की आशंका में यातीन सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए चला गया। पिछले सप्ताह अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान यातीन ने अदालत में चर्चगेट के जिंदा बुजुर्ग का डेथ सर्टिफिकेट पेश कर दिया। पर सरकारी वकील को यातीन के इस दावे पर शक हुआ। वकील ने अदालत को बताया कि जिस बुजुर्ग का यातीन डेथ सर्टिफिकेट पेश कर रहा है, वह बुजुर्ग अभी भी जिंदा है। मुम्बई क्राइम ब्रांच ने खुद इस बुजुर्ग का बयान रेकार्ड किया है। ऐसे में सरकारी वकील के अनुसार संभव है कि इस बुजुर्ग का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट किसी ने बनवाया हो। इस पर यातीन प्रभाराव ने अदालत में दावा किया कि जो आदमी इस प्रापर्टी का मालिक होने का दावा कर रहा है, वह फर्जी व्यक्ति है। इस पर जज ने मुम्बई क्राइम ब्रांच से इस डेथ सर्टिफिकेट की विश्वसनीयता की जांच करने को कहा था और बुधवार को अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था। जांच के दौरान मुम्बई क्राइम ब्रांच को तब आश्चर्य हुआ, जब उसने पाया कि चर्चगेट के जिंदा बुजुर्ग के बीएमसी के अलग-अलग वार्डों से एक नहीं, पांच-पांच डेथ सर्टिफिकेट बने हैं और वह भी ऑन लाइन। खास बात यह है कि यातीन ने चर्चगेट के बुजुर्ग का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बीएमसी में जो ऑन लाइन अर्जिरयां दी थीं, उसमें आवेदक के रूप में पांच अलग-अलग नाम लिखे गए थे।

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