Tuesday, September 15, 2009

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी चुनाव क्षेत्रों में 'रेलवे इंजन' के रूप में एक ही चुनाव चिह्न दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी चुनाव क्षेत्रों में 'रेलवे इंजन' के रूप में एक ही चुनाव चिह्न दिया जाए। पर साथ ही अदालत ने कहा कि यह उसी सूरत में होना चाहिए जब इस चिह्न पर बीते चुनाव में किसी और कैंडिडेट ने जीत दर्ज न की हो। एमएनएस की याचिका पर यह आदेश चीफ जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन वाली बेंच ने दिया। एमएनएस ने याचिका दायर कर विधानसभा चुनाव में करीब 150 सीटों पर लड़ने के लिए एक ही चुनाव चिह्न देने का आग्रह किया था। बेंच ने जन सूर्य शक्ति पार्टी को भी 'नारियल' के रूप में एक ही चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्देश दिया। यह पार्टी करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। कोर्ट ने करीब 100 सीटों पर लड़ रही बहुजन विकास अघाड़ी को एक ही चुनाव चिह्न दिए जाने का आदेश दिया। ये तीनों पार्टियां गैर मान्यता प्राप्त दलों के रूप में पंजीकृत हैं, जिन्होंने सभी चुनाव क्षेत्रों में एक ही चुनाव चिह्न दिए जाने की मांग है। 13 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए 18 सितंबर से नामांकन शुरू होना है। एमएनएस की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि अगर एक ही चुनाव चिह्न नहीं मिला तो इससे मतदाता, खासकर निरक्षर मतदाता भ्रमित होंगे। उन्होंने याद दिलाया कि हाल के आम चुनावों में प्रजा राज्यम व एमडीएमके जैसे गैर मान्यता प्राप्त दलों को विशिष्ट चुनाव चिह्न दिए जाने का निर्देश दिया गया था। चुनाव आयोग के अनुसार सिर्फ मान्यता प्राप्त दल ही सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक चुनाव चिह्न पाने के हकदार होते हैं, जबकि अन्य को आयोग द्वारा संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में दिए गए चुनाव चिह्न को स्वीकार करना होता है। हालांकि बेंच ने यह भी कहा कि गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां लंबे-चौड़े वादों के साथ एक ही चिह्न अलॉट करने की मांग करती हैं पर वे कुल वोटों का 6 पर्सेंट या कम से कम दो सीटें भी नहीं जीत पातीं, जिससे कि उन्हें मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा मिल सके।

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