Friday, October 18, 2013

फोटो पत्रकार ने रेप के आरोपियों को पहचाना

 मुंबई गैंगरेप की शिकार 23 वर्षीय फोटो पत्रकार ने गुरुवार को कोर्ट में चार घंटे तक चली गवाही के दौरान रेप के आरोपियों को पहचाना और उसके बाद बेहोश हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने बताया कि 'बलात्कार की शिकार लड़की के बेहोश होने के बाद हमने कोर्ट से आग्रह किया कि उसे चिकित्सा सहायता के लिए भेजा जाए।'
शक्ति मिल परिसर में 22 अगस्त को गैंगरेप की शिकार हुई फोटो जर्नलिस्ट के साथ उसकी मां भी सेशन कोर्ट में मौजूद थी। लड़की की गवाही बंद कमरे में हुई। पत्रकारों को भी अंदर जाने नहीं दिया गया।

निकम ने बताया, 'गुरुवार को गवाही के तीसरे दिन पीड़िता आत्मविश्वास से भरी थी लेकिन लंबी गवाही के कारण वह थक रही थी। उसने आराम करने की अनुमति मांगी। इसी दौरान वह चक्कर खाकर गिर पड़ी। इसके बाद कोर्ट की प्रिंसिपल जज शालिनी फनसलकर ने सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। कोर्ट में उसने उस पोर्न क्लिप को भी पहचान लिया जो बदमाशों ने उससे रेप करते समय बनाई थी।'
सरकारी वकील निकम ने बताया कि गवाही के दौरान चारों आरोपी कोर्ट में ऐसे खड़े थे, मानो कुछ हुआ ही नहीं। उनके चेहरे पर बेशर्मी साफ झलक रही थी।
पुलिस के अनुसार, इन पांचों में से तीन पर एक और लड़की से भी गैंगरेप का आरोप है। उन्होंने 31 जुलाई को 18 वर्षीय टेलिफोन ऑपरेटर के साथ भी गैंगरेप किया था।
गैंग रेप पीड़िता पत्रकार तब एक इंग्लिश मैगजीन में इंटर्न थी। उसी दौरान मुंबई के शक्ति मिल में इस महिला पत्रकार के साथ पांच लोगों को गैंग रेप के आरोप में अरेस्ट किया गया। महिला पत्रकार अपने पुरुष कॉलीग के साथ एक असाइनमेंट पर गई थी। आरोप है कि पुरुष कॉलीग को बेल्ट से बांधा दिया और पांचों ने गैंग रेप को अंजाम दिया। ये आरोपी हैं विजय जाधव, कासीम बंगाली, सलीम अंसारी और सीरज रहमान। इसमें से एक जूवेनाइल था जिस पर अलग से मामला जूवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने 19 सितंबर को 600 पेज की चार्जशीट इन चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में दायर की थी।

No comments:

Post a Comment