Monday, April 13, 2015

जनता को टोल से मुक्ति - शरद पवार का विरोध

राज्य की जनता को टोल से मुक्ति देने के बीजेपी- शिवसेना सरकार के फैसले का एनसीपी चीफ शरद पवार ने विरोध किया है। शरद पवार का कहना है कि फडणवीस सरकार का यह फैसला गलत है और केवल लोकप्रियता पाने के उद्देश्य से लिया गया है। शरद पवार ने यह बात रविवार को नाशिक में कही। पवार का कहना है कि दुनिया भर में टोल नाके हैं। यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए निजी क्षेत्र से निवेश कराया जाता है।
निजी क्षेत्र का निवेश मिलने से सड़कों को सुधारने का काम तेजी से हो पाता है, अच्छी सड़कों के लिए लोग खुशी से टोल भरते हैं। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में टोल की शुरुआत बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने की थी। अब मौजूदा बीजेपी सरकार ने सिर्फ लोकप्रियता हासिल करने के लिए टोल बंद करने का फैसला किया है। पवार ने सवाल उटाया कि टोल बंद होने के बाद सरकार सड़कों की मरम्मत के लिए लगने वाला पैसा कहां से लाएगी? इसका असर पहले से ही खराब चल रही राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। पवार ने टिप्पणी की लोकप्रियता पाने के लिए सड़कों की दुर्दशा करने और लोगों की जान दांव पर लगाने का फैसला सही नहीं है।

बता दें कि शुक्रवार को ही सरकार ने राज्य के 12 चोल नाकों को पूरी तरह बंद किया है और 53 टोल नाकों पर कार-जीप जैसे छोटे वाहनों से टोल वसूली पर रोक लगा दी है।

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