Saturday, April 4, 2015

बीजेपी और शिवसेना में खींचतान

बीएमसी में जल्द ही स्थायी, बेस्ट, शिक्षण और सुधार इन चार महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाला है। इसके लिए शनिवार को संबंधित चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवार अपना नामांकन फॉर्म भरेंगे। स्थायी और शिक्षण समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव 6 अप्रैल को, तो बेस्ट व सुधार समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव 8 अप्रैल को होगा। इसमें स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर अगर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान हुई तो उसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है 
शिवसेना के एक नगरसेवक ने बताया कि फिलहाल 6 अप्रैल को होने वाले स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष यशोधर फणसे को एक बार फिर से मौका मिलने की संभावना है। चुनाव में उनकी उम्मीदवारी मजबूत मानी जा रही है क्योंकि फणसे को इस पद पर बने रहने के लिए मातोश्री से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना और बीजेपी में स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी पाने के लिए फिलहाल खींचतान जारी है। अगर शिवसेना की ओर से बीजेपी को ग्रीन सिग्नल मिलता है तो इस बार बीजेपी का नगरसेवक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर विराजमान हो सकता है। बीएमसी सूत्रों की मानें, तो बीजेपी ने इससे पहले भी कई बार शिवसेना से स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की मांग की थी, परंतु हर बार शिवसेना ने इस पद को देने से इनकार कर दिया।
लेकिन इस बार राज्य और केंद्र में बीजेपी की सत्ता है इसलिए बीएमसी के इस मलाईदार पद पर बीजेपी की नजर है। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि शनिवार को बीजेपी का उम्मीदवार शिवसेना को जानकारी दिए बिना ही स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर सकता है।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रहे मतभेद का फायदा मिल सकता है, क्योंकि बीजेपी को स्थायी समिति के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी न मिलने की स्थिति में उनका समर्थन कांग्रेस की झोली में जा सकता है। बीजेपी-शिवसेना की इस आपसी खींचतान के चलते कांग्रेस का उम्मीदवार भी जीत हासिल कर सकता है।
हाल ही में एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने बीएमसी मेयर स्नेहल आंबेकर का स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसके चलते इन दिनों बीएमसी में शिवसेना और एमएनएस के बीच काफी तनाव चल रहा है। इस सब के चलते इस चुनाव में शिवसेना को एमएनएस के नगरसेवकों का समर्थन मिलना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है। इस कारण एमएनएस का समर्थन कांग्रेस को मिलने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस को एनसीपी का समर्थन भी पहले से ही प्राप्त है।
इस कारण इन दिनों बीएमसी के गलियारों में चर्चा गर्म है कि शिवसेना, बीजेपी और एमएनएस की गहमागहमी का फायदा कांग्रेस के उम्मीदवार को मिल सकता है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए वकारूनिशा अंसारी, बेस्ट के लिए सुनील मोरे, शिक्षण के लिए बिन्नी डिसूजा और सुधार समिति के अध्यक्ष पद के लिए अजंता यादव शनिवार को अपना नामांकन फॉर्म भर सकते हैं।
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल अध्यक्ष पद पर विराजमान अध्यक्षों को एक बार फिर से मौका मिलने की संभावना जताई जा सकती है। इसके तहत स्थायी समिति में यशोधर फणसे, बेस्ट में अरुण दुधवडकर, शिक्षण में विनोद शेलार और सुधार में उज्ज्वला मोडक को एक बार फिर से मौका मिल सकता है

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