Friday, May 15, 2015

मोनो रेल - तिजोरी खाली

मोनो रेल का सफेद हाथी रोजाना सरकारी तिजोरी खाली कर रहा है। इसे चलाने वाले ऑपरेटरों, बिजली और रख-रखाव का खर्च अलग है पर इसकी सुरक्षा के नाम पर ही हर महीने लगभग 76 लाख रुपये महाराष्ट्र स्टेट सिक्युरिटी कॉर्पोरेशन को अदा किए जा रहे हैं। यह रकम ही महीने भर की कुल कमाई की रकम से दोगुना है। टिकटों से जितनी कमाई नहीं होती, उससे डबल पैसे उसकी सुरक्षा में लग रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध ताजा जानकारी में यह चौंका देने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। फरवरी 2014 में शुरू की गई मोनो रेल सेवा ने मार्च 2015 में 32 लाख 24 हजार 342 रुपये की कमाई की। इससे पहले, जनवरी में 33,88,136 रुपये और फरवरी में 32,16,526 रुपये की कमाई दर्ज की थी। एकाध महीना छोड़ दिया जाए तो फरवरी 2014 से महीने की कमाई का यही औसत रहा है। गाड़ियां चलाने वालों का वेतन, बिजली का खर्च, रखरखाव, साफ-सफाई आदि का खर्च अलग है। केवल सुरक्षा पर होने वाला खर्च आंख खोल देता है।
बीते अप्रैल महीने में महाराष्ट्र स्टेट सिक्युरिटी कॉर्पोरेशन को 75,96,077 रुपये अदा किए गए। मोनो रेल के जनसूचना अधिकारी डेप्युटी इंजिनियर वैश्य ने बताया हर महीने इस सरकारी कॉर्पोरेशन को सु्रक्षा के नाम पर लगभग 71 लाख 14 हजार रुपये अदा किए जाते हैं। टैक्स की रकम इसमें शामिल नहीं है। सात स्टेशनों और एक डिपो की सुरक्षा का जिम्मा इस कॉर्पोरेशन को दिया गया है।

वह भी स्थिति तब है, जबकि मोनोरेल अभी पूरी तरह कार्यरत नहीं हुई है। लगभग 20 प्रतिशत काम अभी बकाया है। अब तक हुए निर्माण के लिए 'लार्सन ऐंड टूब्रो' और 'स्कोमी इंजिनियरिंग बीएचडी', मलेशिया ग्रुप (LTSE) को 2290 करोड़ रुपये सरकारी तिजोरी से अदा कर दी गई है। दिसंबर तक सात रास्ता तक की पूरी लाइन कार्यरत होने का अनुमान है।
इसकी लागत कुल 2716 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। वैसे, मोनो रेल की एक फेरी पर 3131 रुपए ऑपरेटिंग खर्च आ रहा है। दिन भर में लगभग 131 फेरी मोनो रेल लगाती है। मोनो में महीने भर में लगभग साढ़े चार लाख यात्राएं दर्ज हो रही हैं।

No comments:

Post a Comment