Tuesday, June 9, 2015

गैरकानूनी रूप से बनाई गई मस्जिदों को ढहाकर दिखाए

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) को शिवसेना ने चेतावनी दी है कि अगर वह सरकारी जमीन पर महापुरुषों के स्मारक के निर्माण को गैरकानूनी मानती हैं, तो सबसे पहले सरकारी जमीनों पर गैरकानूनी रूप से बनाई गई मस्जिदों को ढहाकर दिखाए। शिवसेना ने यह बात अपने सामना के जरिए कही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एआईएमआईएम मांग की थी कि सार्वजनिक जमीन और धन का इस्तेमाल प्रमुख नेताओं के स्मारक बनाने में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने समुद्र में बनाए जाने वाले छत्रपति शिवाजी स्मारक, शिवसेना नेता स्व. बालसाहेब ठाकरे स्मारक और बीजेपी वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे का स्मारक बनाने पर नाराजगी व्यक्त की थी। एआईएमआईएम ने तर्क दिया कि सरकारी जमीन और सरकारी पैसे का उपयोग अस्पताल व अन्य सरकारी सुविधाओं को मुहैया कराना पर खर्च करना चाहिए।
औरंगाबाद से पार्टी के विधायक इम्तियाज जलील के अनुसार, यदि पार्टी को अपने नेताओं का स्मारक बनाना है तो वे अपनी जमीन पर बनाए। जलील का कहना है कि यदि पार्टी की मांग नहीं मानी गई तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी जो औरंगजेब की समाधि पर नमाज अदा करते हैं, उनसे और भला उम्मीद भी क्या की जा सकती है। आखिर यह पार्टी ही अफजल खान से प्रेरित है।
दूसरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्मारक मामले में एमआईएम को आड़े हाथों लिया है। सीएम ने मुस्लिम पार्टी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि एमआईएम का जन्म ही विवाद पैदा करने के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के स्मारक का विरोध करने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। छत्रपति शिवाजी महाराज, बालासाहेब ठाकरे और गोपीनाथ मुंडे लोगों के मन में बसे हैं। लोगों के मन से उन्हें नहीं निकाल जा सकता। उनके स्मारक का विरोध करने वालों को जनता उनकी जगह दिखा देगी।

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