Monday, August 10, 2015

प्राथमिक उपचार का तरीका

6ठी में पढ़ने वाली शुबद्रा बालशी को जब एक कोबरा ने काटा तो उसने बहुत शांत होकर अपनी बहन से अपने पैर एक एक पट्टी बांधने को कहा ताकि जहर का फैलना कम किया जा सके। इसके बाद शुबद्रा के माता-पिता उसे अस्पताल लेकर गए।  12 साल की शुबद्रा को जब कोबरा ने काटा तब वह सो रही थी। जब शुबद्रा को पता चला कि उसे सांप ने काट लिया है, तो उसने बिना घबराए अपनी बहन से अपने दाहिने पांव पर पट्टी बांधने को कहा। यह प्राथमिक उपचार का वह तरीका था जो कुछ ही सप्ताह पहले शुबद्रा ने क्लास में पढ़ते हुए सीखा था।
कक्षा 6 में पढ़ने वाली शुबद्रा और उसकी कक्षा के बाकी छात्रों को टीचर ने सांप द्वारा काट लिए जाने की स्थिति में प्राथमिक उपचार का तरीका बताया था। शुबद्रा ने वही तरीका आजमाया।
शुबद्रा राजाराम बालशी मुंबई से 120 किलोमीटर दूर पालघर जिले कि ग्वाथानपाड़ा गांव में रहती है। प्राथिमक उपचार के बाद उसके माता-पिता उसे पास के सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने शुबद्रा का इलाज किया।
शुबद्रा को 4 अगस्त की सुबह सांप ने काटा था। उसे वनगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से शनिवार को छुट्टी दी गई।
शुबद्रा ने बताया कि उसकी शिक्षिका प्रतिभा कदम द्वारा सिखाए गए सबक के कारण ही वह सही तरीके से हालात का सामना कर सकी। बीती 14 जुलाई को ही प्रतिभा कादम ने अपनी क्लास के बच्चों को आपातकाल, खासकर दुघर्टना या फिर सांप द्वारा काट लिए जाने की स्थिति में क्या किया जाना चाहिए के बारे में बताया था। उन्होंने बच्चों से आपातकाल में ध्यान रखने वाली चीजें लिखकर याद करने को भी कहा था। शुबद्रा दाहानु जिला परिषद स्कूल में पढ़ती है।
शुबद्रा के पिता राजाराम बालशी बताते हैं कि 4 अगस्त को तड़के सुबह शुबद्रा पैर में तेज दर्द होने की बात करते हुए जगी। पहले उसने सोचा कि उसकी पालतू बिल्ली ने उसे खरोंच मार दी है, लेकिन जब उसने ध्यान से देखा तब उसे पता चला कि उसे सांप ने काटा है।
घबराने की जगह, शुबद्रा ने याद किया कि उसकी टीचर ने ऐसी हालत से निपटने के लिए क्या निर्देश दिए थे। उसने अपने पिता को जगाया और अपनी 10 साल की छोटी बहन सुमिधा से कहा कि वह उसके दाहिने पैर पर जोर से एक पट्टी बांध दे ताकि सांप का जहर तेजी से खून में ना मिल सके।
शुबद्रा को यह भी याद था कि टीचर ने बताया था कि पट्टी सांप के काटने की जगह के पास बांधना चाहिए, ना कि उसके ऊपर। राजाराम ने बताया कि जब शुबद्रा को सांप ने काटा उस समय पूरा परिवार सो रहा था। उसने सबको जगाया और बिना घबराये हुए बेहद शांत भाव से बताया कि उसे एक सांप ने काट लिया है।
राजाराम ने बताया कि पूरा परिवार यह सुनकर घबरा गया, लेकिन शुबद्रा ने उनसे कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उसने कहा कि वह जानती है कि ऐसे मौके पर क्या करना चाहिए। प्राथमिक उपचार के बाद पड़ोसियों की मदद से परिवार ने शुबद्रा को अस्पताल पहुंचाया।
वनगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर रमेश मकनिकर ने शुबद्रा को सांप द्वारा काटे जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उसे सही समय पर अस्पताल लाया गया। अगर थोड़ी सी भी देर होती तो दिक्कत हो सकती थी।
वहीं, शिक्षिका कदम ने शुबद्रा की समझदारी का श्रेय लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने छात्रों को एक असाइनमेंट दिया था क्योंकि मैं चाहती थी कि वह किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें। मेरे ज्यादातर छात्र पालघर के दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं और जरूरी नहीं कि ऐसी जगहों पर हमेशा सही समय पर मदद पहुंच जाए।'
कदम ने यह भी बताया कि असाइनमेंट का एक मकसद छात्रों को यह सिखाना भी था कि जरूरत पड़ने पर दूसरे लोगों की मदद किस तरह से की जा सकती है।

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