Friday, August 14, 2015

स्वंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें

स्वंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें

बिल्डर और बीजेपी के विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा की कंपनी 'लोढ़ा ग्रुप' को बीजेपी सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोढ़ा ग्रुप द्वारा डोंबिवली के पास बनाए जा रहे पलावा प्रॉजेक्ट को मिली 0.2 की प्रीमियम एफएसआई को रद्द कर दिया है। इससे लोढ़ा ग्रुप के हाथ से 30 लाख स्क्वेयर फुट का निर्माण कार्य निकल गया है।
खबरों में कहा गया है कि लोढ़ा ग्रुप को दी गई 0.2 की प्रीमियम एफएसआई पर मुख्यमंत्री के अधिकार वाले शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी और मुख्यमंत्री से इस प्रीमियम एफएसआई को रद्द करने की सिफारिश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूर कर लिया। मुख्यमंत्री के इस फैसले से लोढ़ा ग्रुप की साख को बड़ा धक्का लगा है। प्रीमियम एफएसआई रद्द होने से अब लोढ़ा ग्रुप अपने पलावा प्रॉजेक्ट में डबल टेरेस जैसी सुविधा ग्राहकों को नहीं दे सकेगा, वहीं उसे करोड़ों रुपये का नुकसान भी झेलना पड़ेगा।
इस संबंध में जो खबरें सामने आई हैं उनमें कहा गया है कि लोढ़ा ग्रुप को प्रीमियम एफएसआई देने का फैसला पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कुछ ही दिन पहले लोढ़ा ग्रुप को करोड़ों रुपये की प्रीमियम एफएसआई पलावा प्रॉजेक्ट के लिए दी थी। कांग्रेस सरकार के इस फैसले से लोढ़ा ग्रुप को 20 प्रतिशत ज्यादा एफएसआई मिल गई थी।
सरकार बदलने के बाद कोकण विभाग के नए शहर रचनाकार के ध्यान में यह बात आई और इसके बाद उन्होंने इस बारे में राज्य के शहरी विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजी। जिस पर शहरी विकास मंत्रालय के प्रधान सचिव डॉ. नितिन करीर ने मुख्यमंत्री को बताया कि लोढ़ा ग्रुप 0.2 की प्रीमियम एफएसआई का हकदार नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रीमियम एफएसआई रद्द करने के फैसले को अपनी स्वीकृति दे दी।
प्रीमियम एफएसआई देने का फैसला देने की एक प्रक्रिया है। इसके तहत जब बिल्डर अपने प्रॉजेक्ट का प्रस्ताव जमा करता है, तो उस प्रस्ताव की जांच की जाती है। जांच करने वाला अधिकारी या अधिकारियों की टीम इस बारे में अपनी रिपोर्ट शासन को देता है, लेकिन खबरों के मुताबिक लोढ़ा के पलावा प्रॉजेक्ट के बारे में हुई इस तरह की जांच रिपोर्ट के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी गायब पाए गए हैं।
बीजेपी विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा की साख को उनकी ही पार्टी की वजह से दूसरी बार झटका लगा है। पहला झटका उन्हें उनकी ही पार्टी के विधायक राज पुरोहित के तथकथित स्टिंग ऑपरेशन की वजह से लगा था, वह झटका उनकी राजनीतिक साख पर था। अब दूसरा झटका भी उनकी अपनी सरकार ने दिया है जो उनकी कारोबारी साख पर लगा है।

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