Tuesday, October 20, 2015

आम आदमी को भरोसा नहीं

शिवसेना के मुखपत्र सामना में मंगलवार को देश में बढ़ रहे दालों के दामों को लेकर पर कड़ा प्रहार किया गया। इसमें कहा गया है कि दाल के दाम जिस तेजी से बढ़ रहे हैं उससे इसने सचिन तेंडुलकर के भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि दाल अब सोशल मीडिया के साथ-साथ व्‍हाट्सऐप पर भी ट्रेंड करने लगा है। यही वजह है कि लोग अब दाल और उसके भाव को अपनी बातचीत में शुमार करने लगे हैं।
'मूल्‍यवृद्धि का दाल तड़का' शीषर्क से लिखे इस संपादकीय में एक व्‍यंग्‍य का जिक्र करते हुए कहा है कि थाली में दाल की कटोरी न तलाशें, यदि भूलकर इसमें दाल की कटोरी मिल भी गई तो इसमें दाल तलाशने की भूल न करना।
इस संपादकीय में लिखा गया है कि केंद्र ने भले ही इसके लिए कदम उठाते हुए दालों की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश राज्‍य सरकारों को दिए हैं, लेकिन इस पर जल्‍द से जल्‍द नियंत्रण करना बेहद जरूरी है।
केंद्र को इस मामले में क्‍लीन चिट देते हुए सामना में कहा गया है कि केंद्र ने सही काम किया है। अकाल के चलते कम हुए उत्‍पादन की वजह से दाल के मूल्‍यों में बेतहाशा तेजी आई है। इसको रोकने के लिए दाल का आयात जरूरी है, जिसे सरकार ने बखूबी अंजाम दिया है।
इसके जरिये शिवसेना ने सभी से अपील की है कि कोई भी जमाखोरी न करे और दाल को आम आदमी के दायरे में आने दें।
 अंत में उम्‍मीद की गई है कि मूल्‍यवृत्रि का दाल तड़का जल्‍द ही घटेगा। जब तक इसमें गिरावट नहीं आती है तब कोई कितना भी गाल बजा ले आम आदमी को उस पर भरोसा नहीं होगा।

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