Wednesday, October 8, 2014

सबसे बड़ी पार्टी के स्टेटस - बीजेपी

सट्टेबाजों ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिल्कुल सटीक अनुमान लगाया था कि बीजेपी को बहुमत मिलेगा, लेकिन महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में वे बीजेपी पर इतना भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी के स्टार कैंपेनर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार अभियान में देर से एंट्री की है और इसका असर यह होगा कि 288 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा और उसे सबसे बड़ी पार्टी के स्टेटस से ही संतोष करना पड़ेगा।
ये सट्टेबाज बीजेपी को 110-115 सीटें मिलने पर दांव लगा रहे हैं। यह आंकड़ा हालांकि चार दूसरे प्रतिद्वंद्वी दलों के लिए जताए जा रहे अनुमान से काफी आगे है। बुकीज का मानना है कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में से हर एक को 40-50 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना 15-20 सीटों के साथ इस सियासी जंग में पांचवें स्थान पर रहेगी।
बुकीज का कहना है कि अगर पीएम इस चुनाव प्रचार में पहले उतर गए होते तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल कर सकती थी। उनका कहना है कि मोदी स्टाइल में धुआंधार कैंपेनिंग से भी बीजेपी का बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटों का आंकड़ा पार करना संभव नहीं दिख रहा है क्योंकि पीएम ने इस जंग में उतरने में देर कर दी।
पीएम को महाराष्ट्र के साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भी प्रचार करना है। दोनों राज्यों में मतदान 15 अक्टूबर को होगा और मतगणना 19 अक्टूबर को होगी। मुंबई के बुकीज का मानना है कि शिवसेना चुनाव बाद बीजेपी के साथ जा सकती है, भले ही इस वक्त दोनों एक-दूसरे पर तीखे बयानों के तीर चला रही हों। बुकीज का हालांकि कहना है कि बीजेपी अगर 145 के आंकड़े के करीब पहुंच गई तो वह निर्दलीयों का साथ ले सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि बुकीज शिकायत कर रहे हैं कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता उन पर दबाव डाल रहे हैं कि वे ऐसे अनुमान जताएं जो उनकी पाटी को बढ़त दिखाने वाले हों। लोकसभा चुनाव में मुंबई के बुकीज के सटीक अनुमान के बाद उन पर पार्टियों का भरोसा बढ़ा है। चुनाव नतीजों की भविष्यवाणी करने वाली ज्यादातर एजेंसियों ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत से कम सीटें मिलने का अनुमान दिया था।
बुकीज का अनुमान है कि कांग्रेस और एनसीपी भले ही अलग-अलग हो गई हों, उन्हें सत्ता विरोधी रुझान का सामना करना ही पड़ेगा और इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के मतों में बिखराव से भी उनकी दिक्कत बढ़ेगी। बुकीज का कहना है कि चुनाव बाद सरकार बनाने में इन दोनों ही दलों की कोई भूमिका नहीं रह जाएगी। उनका अनुमान है कि अकेले चुनाव लड़ने का फायदा शिवसेना के भी नहीं मिलने वाला है।

No comments:

Post a Comment