Monday, September 22, 2014

मीडिया गड़े मुर्दे न उखाड़े।

अपने बेलाग स्वभाव के लिए मशहूर उपमुख्यमंत्री अजित पवार चुनाव के दौरान उनकी पुरानी गलतियों को फिर से तूल देने से आहत हैं। उन्हेंने संडे को फेसबुक पर अपील की कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और मीडिया गड़े मुर्दे न उखाड़े।
पिछले साल सूखे के मुद्दे पर अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर चुके पवार ने कहा है कि वे इसके लिए माफी मांगी मांग चुके हैं। दरअसल, पवार ने कहा था, 'यदि जलाशय में पानी नहीं है, तो क्या मैं जलाशय में पेशाब करुं या क्या करुं।' उनकी इस टिप्पणी के बाद बवाल हो गया था जिसके बाद उन्होंने माफी मांगी थी।
फेसबुक पर पवार के फॉलोअर्स द्वारा साझा किए गए बयान में पवार ने कहा है कि उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी, लेकिन सोलापुर के किसान भैया देशमुख को मनाने के लिए सारी कोशिश नाकाम हो गई थी जो अनशन पर बैठे हुए थे। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने सरकार को निशाना बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया जो किसानों को राहत मुहैया करने के लिए हर कोशिश कर रही थी। पवार ने कहा, 'आने वाले दिनों में जबरदस्त चुनावी राजनीति देखने को मिलेगी। कृपया अनुचित टिप्पणी न करें और बंद हो चुके अध्याय को दोबारा नहीं खोलें।'
उन्होंने कहा कि मीडिया 25 साल पहले इतनी आक्रामक नहीं थी जितनी की आज है। पवार ने कहा कि उन्होंने हाल ही में अपने बंगले पर पत्रकारों से एक अनौपचारिक बातचीत में कुछ व्यक्तिगत विचार जाहिर किए थे, लेकिन यह बातचीत खत्म होने से पहले ही इन बयानों को 'ब्रेकिंग न्यूज' बना दिया गया। उन्होंने पूछा, 'क्या अनौपचारिक बातचीत में कही गई कुछ बात को प्रचारित करना सही है?' दरअसल, वह अपने उस कथित बयान का हवाला दे रहे थे जिसके तहत उन्होंने कहा था कि यदि पृथ्वीराज चव्हाण दोबारा मुख्यमंत्री बने तो वह उपमुख्यमंत्री बनने को राजी नहीं होंगे।
 

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