Monday, December 1, 2014

किसानों मुद्दे पर विपक्ष ने अपने आक्रामक रुख का संकेत

देवेंद्र फडणवीस सरकार को आगामी विधानसभा सत्र में राज्य को सूखा ग्रस्त इलाकों में किसानों की आत्महत्या, जवाखेडा का दलित हत्याकांड जैसे भावनात्मक मुद्दों पर विपक्ष के तीव्र विरोध का सामना करना होगा। किसानों मुद्दे पर विपक्ष ने अपने आक्रामक रुख का संकेत दे दिया है।
शिवसेना विधायकों ने पिछले महीने भर में महाराष्ट्र के सूखा ग्रस्त इलाकों का दौरा करके और किसानों से मिलकर सरकार को घेरने के लिए काफी मुद्दे जमा कर लिए हैं। सरकार पर शिवसेना का सबसे बड़ा आक्रमण सूखाग्रस्त मराठवाडा के किसानों की आत्महत्या और वहां की समस्याओं पर होगा। इन समस्याओं के संदर्भ में शिवसेना राज्यपाल को ज्ञापन भी दे चुकी है। इसे अलावा शिवसेना के टारगेट पर रहेंगे, राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे। शिवसेना किसानों के मामले में खडसे के हालिया बयान को मुद्दा बानएगी।

कांग्रेस ने भी किसानों के मुद्दे पर ही सरकार को घेरने की योजना बनाई है। कांग्रेस के ऐक्शन प्लान के मुताबिक पार्टी सरकार के खिलाफ 1 और 2 दिसंबर को तहसील और जिला कार्यालयों पर मोर्चा निकालेगी। 4 दिसंबर को राज्यभर में रास्ता रोको करेगी और पिर 8 दिसंबर को नागपुर में विधानभवन पर विशाल मोर्चा की तैयारी की जा रही है। इस मोर्चे का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, नारायण राणे और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक और विलास मुत्तेमवार को सौंपा गया है। एनसीपी नेताओं ने रविवार को सूखाग्रस्त इलाके के किसानों की समस्याओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और सीएम को तीन पेज का एक ज्ञापन सौंपा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में सीएम से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से सूखाग्रस्त किसानों की समस्याओं और जवखेडा दलित हत्याकांड के बारे में चर्चा की। बाहर निकलने के बाद अजित पवार ने कहा कि जल्द ही वे सूखाग्रस्त इलाके का दौरा करेंगे और सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार करेगी।
इन तामाम मुद्दों से निपटने के लिए सरकार भी अपनी तरफ से तैयारी कर रही है। सरकार ने सूखाग्रस्त किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार से 45000 करोड़ रुपये का पैकेज मांगा है। इसके अलावा जवखेड़ा दलित हत्याकांड के प्रभावितों से खुद सीएम ने रविवार को मुलाकात की। सीएम ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि इस मामले में कोई गलत कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी, अगर पुलिस हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रहती है तो वह इस केस की जांच सीबीआई को सौंप देंगे।

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