Monday, March 16, 2015

माफी सीधे किसानों को ही नहीं बल्कि उनकी पत्नियों, बेटों, अविवाहित बेटियों, भाइयों या बहनों को भी

प्राइवेट साहूकारों से लिए गए कर्ज लौटाने की नीति पहले की लागू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानपरिषद में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि दो से ढाई लाख किसान परिवारों को इसका फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब हमने फैसला लिया है कि यह माफी सीधे किसानों को ही नहीं बल्कि उनकी पत्नियों, बेटों, अविवाहित बेटियों, भाइयों या बहनों को भी मिलेगी। शर्त यह होगी कि परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। पेंशनधारकों का कर्ज और मुंबई दुकान अधिनियम 1948 के तहत लाइसेंसधारी साहूकारों (व्यापारी) से लिया गया कर्ज माफ नहीं होगा।

आदर्श मिश्रा समिति ने किसानों की आत्महत्या की वजह साहूकारों के कर्ज को बताया था और यह कर्ज माफ करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 और राज्य शासन ने 2009 में किसानों के बैंक से लिए कर्ज को माफ किया था। इस योजना का लाभ साहूकारों से कर्ज लेने वालों को नहीं मिला था। इस पार्श्वभूमि में विदर्भ और मराठवाडा में लाइसेंसधारी साहूकारों से लिया गया कर्ज माफ होगा। कर्ज की यह रकम सरकार भरेगी।
मुख्यमंत्री ने नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में 11 दिसंबर 2014 को साहूकारों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इसका लाभ विदर्भ और मराठवाड़ा के करीब सवा दो लाख किसानों होगी, जिनका कुल 171 करोड़ रुपए का कर्ज माफ होगा। इस योजना के तहत सिर्फ किसानों का कर्ज ही माफ होगा। उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना के तहत सरकार दस हजार सोलर पंप लगाने वाली है। आगे पांच लाख और भी पंप लगाने की योजना है। 
आरआर जेड नीति को खत्म करने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकतर नदियां नगर पालिकाओं के गंदे पानी की वजह से प्रदूषित हुई हैं। कई लोगों को सरकार के इस निर्णय पर संदेह है और वे सरकार से निर्णय बदलने के लिए कह रहे हैं, जबकि 90 प्रतिशत नदियां मनपा के गंदे पानी और केवल पांच प्रतिशत उद्योग की वजह से प्रदूषित होती हैं।

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