Thursday, March 19, 2015

बजट पूरी तरह से मोदी के रंग में रंगा हुआ

सरकारें बदलीं और नई योजनाएं भी नए नाम पर शुरू की गईं। इससे पहले कांग्रेस जब भी किसी नई योजना को शुरू करती थी तो उस योजना का नाम गांधी परिवार के किसी सदस्य के नाम पर ही रखती थी- जैसे राजीव गांधी जीवनदायी योजना, संजय गांधी निराधार योजना आदि। अब सत्ता बदल गई तो नई योजनाओं के नाम बीजेपी ने अपने नेताओं के नाम पर रखने शुरू कर दिए। जब वित्त मंत्री ने नई योजनाओं के नाम बीजेपी और आरआरएस नेताओं के नाम पर घोषित करने शुरू किए तो इस पर शिवसेना ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम से कोई भी नई योजना शुरू नहीं की गई।
सरकार राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घर मुहैया कराने के लिए योजना शुरू कर रही है, जिसका नाम 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय घरकुल जगह खरीदी अर्थसहाय योजना' रखा गया है। इसी तरह राज्य के प्रत्येक जिले में एक बेहतरीन उद्यान बनाने के लिए 'उत्तमराव पाटील वन उद्यान' योजना शुरू की जा रही है।
किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला संसद एवं विधानपरिषद में हमेशा से ही उठाया जाता रहा है। सबसे ज्यादा किसान यवतमाल जिले में आत्महत्या करते हैं। उन्हें आत्महत्या करने से रोकने के लिए वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने 'मोतीरामजी लहाने कृषि समृद्धि योजना' शुरू की है। वन सुरक्षा, प्रबंधन में आम जनता का सहयोग बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री 'श्यामाप्रसाद मुखर्जी जन-वन विकास योजना' शुरू करने जा रहे हैं। युवकों में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने नई योजना शुरू की है, जिसका नाम 'प्रमोद महाजन कौशल्य विकास योजना' दिया गया है।

वित्त मंत्री मुनगंटीवार का बजट पूरी तरह से मोदी के रंग में रंगा हुआ नजर आता है। केंद्र द्वारा शुरू की गईं कई योजनाओं को राज्य में भी शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से सांसदों को अपने मतदान क्षेत्र से एक गांव का चयन कर सांसद आदर्श गांव बनाने का आवाहन किया था, ठीक उसी तर्ज पर मुनगंटीवार भी 'आमदार आदर्श गांव योजना' शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए वे अलग से कोई फंड नहीं देंगे, विधायक को अपने विधायक फंड से ही पैसा खर्च करना होगा। मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए वित्त मंत्री ने 810 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री ग्रामीण मार्ग योजना शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। इसके लिए बजट में 300 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि पुरानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 790 करोड़ रुपये दिए हैं। केंद्र के मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन महाराष्ट्र योजना शुरू की है। इसके तहत उद्योगों को राहत देने के अलावा राज्य के खस्ताहाल पर्यटन स्थलों को सुधारने और नए पर्यटन स्थल विकसित करने की बात कही है। प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'निसर्ग पर्यटन विकास मंडल' की स्थापना करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने जंगल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी पहल की है।

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