Tuesday, March 31, 2015

आरोपियों को जेल भेजने का 'कनविक्शन रेट' बेहद कम

महाराष्ट्र में अपराध सिद्ध करके आरोपियों को जेल भेजने का 'कनविक्शन रेट' बेहद कम है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि वर्ष 2000 में यह केवल 12.6 प्रतिशत था। वर्ष 2014 में यह बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया है। इसे और अधिक बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र सरकार 'फॉरेंसिक सबूतों' पर जोर देगी।
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानपरिषद में कानून व व्यवस्था पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि अहमदनगर के दलित हत्याकांड के सैंपल जांच के लिए दूसरे राज्यों में भेजने पड़े थे। आगे ऐसी स्थिति नहीं आएगी। राज्य में आधुनिकतम उपकरणों वाली दो अतिरिक्त फॉरेंसिक लैब खोलने की योजना है। फिलहाल वाइस सैंपल की जांच में तीन साल लग जाते हैं। यह सुविधा सात दिनों में देने का सरकार का इरादा है। चैन छीनने जैसे गुनाहों में सजा को कठोर बनाया जा रहा है। ऐसे अपराधियों को एक दिन में जमानत मिल जाती थी। इस रोकने के लिए धारा 392 में नया '' सेक्शन जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में कंप्यूटरों और इंटरनेट का उपयोग बढ़ने से साइबर क्राइम बढ़े हैं। इनसे निपटने कि लिए 1000 कर्मचारियों की विशेष फोर्स तैयार की गई है।

No comments:

Post a Comment