Saturday, March 7, 2015

स्वच्छता मिशन को मुकाम तक ले जाने की तैयारी

महाराष्ट्र की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को अगले मुकाम तक ले जाने की तैयारी में है। अगर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो वहां न सिर्फ तंबाकू चबा कर थूकने बल्कि सार्वजनिक जगहों पर इसे चबाते हुए दिखने पर भी एक दिन के लिए 'सरकारी स्वीपर' बनना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के कानून और न्याय विभाग के पास उसकी राय के लिए इस प्रस्तान को भेज दिया है।
इस कानून में प्रस्ताव किया गया है कि कोई भी शख्स सार्वजनिक जगह में तंबाकू चबाते या थूकते हुए पकड़ा जाता है तो उसे आठ घंटे के लिए सरकारी कार्यालय या हॉस्पिटल में सफाई का काम करना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ दीपक सावंत ने कहा कि तंबाकू चबाने, थूकने और इसकी बिक्री को लेकर मौजूदा कानून में सुधार की जरूरत है। 

उन्होंने कहा, 'मैंने ज्यादा सख्त कानून का प्रस्ताव किया है। तंबाकू चबाने या थूकने वाले लोग जुर्माना चुकाने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। लग्जरी कार में बैठा शख्स अगर सड़क पर थूकता है तो उसे एक दिन के लिए सरकारी ऑफिस की सफाई के काम में लगाना चाहिए और ड्राइवर अगर ऐसी हरकत करता है तो कम-से-कम एक महीने के लिए उसका लाइसेंस निलंबित कर देने चाहिए। इसके बाद ही ऐसे लोग सबक सीखेंगे।'
सावंत ने पिछले सप्ताह विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद प्रस्ताव को आगे बढ़ाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पर कानून विभाग का नजरिया सकारात्मक होगा।
स्वास्थ्य विभाग नए सिस्टम में स्थानीय निकायों और पुलिस की भी सक्रियता चाहता है। इस मामले स्थानीय निकायों (पंचायत, नगरपालिका) को मॉनीटरिंग एजेंसी के रूप में काम करने वाले संगठनों का दर्जा दिया जाएगा। सावंत ने बताया कि पुलिस दोषियों को पकड़ने के बाद स्थानीय निकायों को सौंप देगी और वे प्रस्तावित कानून के मुताबिक उन्हें सजा देने का काम करेंगे।
सार्वजनिक जगहों पर थूकना टीबी जैसी संक्रामक बीमारियों का बहुत बड़ा कारण है। जन स्वास्थ्य अभियान के सह संयोजक डॉ अभय शुक्ला ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक कदम करार दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों को पहले सुलझाना जरूरी है, जैसे सार्वजनिक जगहों पर साफ-सफाई को लेकर जागरूकता और प्रस्तावित कानून को लागू करने के लिए पर्याप्त फंड और स्टाफ की व्यवस्था करना।
मुंबई में बीएमसी पहले से ही स्वच्छता अभियान चला रही है, जिसके तहत थूकने पर 200 रुपये जुर्माना वसूला जाता है। पहले बीएमसी ने सफाई के लिए जोनों स्तर पर प्राइवेट एजेंसी की व्यवस्था की थी लेकिन शिकायतों की वजह से इसे रोक दिया गया।

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